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खुद बम लगाए, फिर खुद ही बता दिया! असम में क्या था उग्रवादियों का प्लान, कैसे टली अनहोनी?

प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा-आई ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर असम को एक के बाद एक कई बम धमाकों से दहलाने की साजिश रची थी। लेकिन, उसका यह प्लान परवान नहीं चढ़ सका। उल्टे उसी ने खुद पुलिस को बताया कि ये बम कहां-कहां लगाए गए थे।

बम की तलाश करती असम पुलिस

Ulfa-I Planted Bombs In Assam : गुरुवार की सुबह जब पूरा देश आजादी के त्योहार का जश्न की शुरुआत कर रहा था तभी असम में एक्टिव असम में एक्टिव उग्रवादी संगठन उल्फा-इंडिपेंडेंट (Ulfa-I) ने एक बयान जारी कर सनसनी मचा दी। बयान में कहा गया था कि संगठन ने पूरे असम में कम से कम 24 जगहों पर बम प्लांट किए हैं। लेकिन, उल्फा का यह प्लान कामयाब नहीं हो पाया और उसे खुद पुलिस को इस बात की जानकारी दे दी। अब पुलिस इन बम की तलाश में जुटी हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक 19 बमों का पता लगाया जा चुका है और उन्हें डिएक्टिवेट भी कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में जानिए आखिर उल्फा ने खुद ही क्यों पुलिस को बम प्लांट करने के बारे में बता दिया और इस साजिश के पीछे उसकी मंशा क्या थी।

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रात करीब 11.30 बजे जारी हुए उल्फा-आई के बयान में जगहों की एक लिस्ट भी थी जिनमें से 8 राजधानी गुवाहाटी में थे। इस प्रतिबंधित संगठन ने ऐसी कुछ जगहों की तस्वीरें भी रिलीज की थीं जहां बम प्लांट किए गए थे। इनमें से एक स्थान गुवाहाटी के दिसपुर में स्थित राज्य सचिवालय के बहुत करीब है। इसके अलावा डिब्रूगढ़, शिवसागर, तिनसुकिया, नगांव, लखीमपुर, नलबरी, रांगिया और गोलघाट जिले में भी बम लगाए गए थे। उल्फा-आई ने गुरुवार को कहा कि ये बम सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच फटने थे। मगर ऐसा हो नहीं पाया। इसने नागरिकों से यह भी कहा है कि जब तक बमों को निकाल नहीं लिया जाता है और उन्हें डिफ्यूज नहीं कर लिया जाता तब तक अपनी सुरक्षा के लिए सतर्कता बरतें।

क्यों रची साजिश, क्यों खुद बताया?

उल्फा-आई के अनुसार उसने यह साजिश इसलिए रची थी ताकि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह अपनी ताकत का अहसास दिला सके। लेकिन, उसके मंसूबे पूरे नहीं हो सके। इसे लेकर संगठन ने गुरुवार को सफाई भी दी। इसने कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से बमों में विस्फोट नहीं हो पाया। इसके साथ ही उसने सभी बमों को ढूंढकर उन्हें डिफ्यूज करने की अपील की है। संगठन ने यह भी कहा कि बम इस तरह से लगाए गए थे कि आम जनता को कोई नुकसान न हो। यह साजिश राज्य सरकार को चुनौती देने के लिए और दहशत फैलाने के लिए रची गई थी। इसके साथ ही संगठन ने पुलिस के साथ बमों की एग्जैक्ट लोकेशन भी शेयर कर दी। इसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और एक-एक कर बम ढूंढ निकाले और उन्हें डिएक्टिवेट किया।

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