मोदी 3.0 के पहले बजट का आगामी चुनावों पर क्या होगा असर, हरियाणा-महाराष्ट्र में वापसी कर पाएगी बीजेपी? समझिए
Union Budget 2024 Impact on Politics: मोदी 3.0 का पहला पूर्ण बजट पेश होने के बाद ये सवाल होने लगा है कि क्या फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में केंद्र सरकार ने 2019 की तरह पॉपुलर स्कीम का ऐलान किया होता, लोगों को सीधे पैसे दिए होते तो 2024 लोकसभा चुनाव का नतीजा अलग हो सकता था? 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में बीजेपी तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में हारी थी, उसके बाद सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए डायरेक्ट इनकम ट्रांसफर स्कीम का ऐलान किया था।
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नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 से भी ज्यादा सीटें मिलीं। 2024 की फरवरी में पेश हुआ अंतरिम बजट मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद आया था। जाहिर है कि बीजेपी ने अंतरिम बजट में कोई लोक-लुभावन योजनाओं का ऐलान नहीं किया। 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे आए तो पार्टी की सीटें 2019 की 303 से घटकर 2024 में 240 पर पहुंच गईं।
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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए मोदी 3.0 के बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखता, जिससे कहा जा सके कि सरकार ने अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। और अंतरिम बजट में की गई 'गलतियों' को सुधारने की कोशिश की है। बजट में ऐसा कोई चुनावी ऐलान नहीं है जिसका आगामी चुनावों में फायदा मिल सकता हो। हालांकि बजट में लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद की हकीकत को साधने की कोशिश की गई है।
नीतीश-नायडू को साधने की कोशिश
बजट देखने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि बीजेपी ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू को खुश रखने की कोशिश की है। आखिर मोदी 3.0 नीतीश और नायडू पर निर्भर जो है। लोकसभा में जेडीयू के 12 सांसद हैं और नायडू के पास 16 हैं। बिहार की ही दो अन्य पार्टियों, चिराग पासवान की एलजेपी (R) के पांच सांसद हैं और जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के पास 1 सांसद हैं।
इन्हीं चार पार्टियों के सहारे बीजेपी की गाड़ी 2029 की ओर बढ़ रही है। बजट में भी इन पार्टियों का ध्यान रखने की कोशिश की गई है। उनसे संबंधित राज्यों को पैकेज के साथ एक्सप्रेसवे और पावर प्लांट की सौगात दी गई है।
मोदी 3.0 में बिहार पर 'विशेष कृपा'
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार के लिए किए गए ऐलान पर काफी समय खर्च किया। राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। सच्चाई ये है कि आगामी छह महीनों में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड के विधानसभा चुनाव होंगे। लेकिन, केंद्र सरकार ने इनकी परवाह नहीं की है और बिहार-आंध्र को खुश करने की कोशिश की है। बीजेपी की कोशिश है कि एनडीए को एकजुट रखा जाए भले ही उसे उन राज्यों में नुकसान उठाना पड़े जहां वह सत्ता में है।
देखना ये है कि आगामी चुनावों में इस बजट का क्या असर होता है। महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी सत्ता में है और उसे लगता है कि वह एनडीए के सहारे इन राज्यों में सत्ता विरोधी लहर को सफलतापूर्वक पार कर जाएगी। ये देखना दिलचस्प होगा।