देश के ये गांव हैं अधिकारियों की ‘खान’, एक-तिहाई घरों में मिलेंगे IAS-IPS
UPSC Factory Village IAS-IPS Officers: सिविल सर्विस की तैयारी करके IAS-IPS बनना कई लोगों का सपना होता है। इसके लिए लोग बड़े शहरों का रुख करते हैं। देश की राजधानी दिल्ली को सिविल सर्विस की फैक्ट्री कहा जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि देश के कुछ गांव भी सिविल सर्विस की फैक्ट्री हैं। तो आइए जानते हैं देश के 3 गांवों के नाम, जो UPSC के लिए मशहूर हैं।
माधोपट्टी - उत्तर प्रदेश
यूपी की राजधानी लखनऊ से महज 300 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद जौनपुर के माधोपट्टी गांव को UPSC की फैक्ट्री कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में कुल 71 घर हैं, जिनमें से 47 घरों में IAS-IPS अधिकारी मौजूद हैं। किसी घर में एक, तो किसी घर में दो या दो से ज्यादा अधिकारियों की फौज देखने को मिलती है। यही नहीं बाकी के घरों में भी कई उच्च पदों पर बैठे अधिकारी मौजूद हैं।
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इटौरी - उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में भी एक ऐसा गांव है, जहां एक ही घर से 4 IAS-IPS निकले हैं। जी हां, इस गांव का नाम इटौरी है। गांव के चारों भाई-बहन के पास UPSC का सक्सेस मंत्र है। इस घर में 3 IAS और 1 IPS अधिकारी मौजूद हैं। 2013 में परिवार के बड़े बेटे योगेश ने UPSC की परीक्षा पास की और इसके बाद 2015 में उनकी बहन माधवी भी UPSC टॉपर बन गईं। 2016 में छोटी बहन क्षमा IPS बनीं और छोटा भाई लोकेश का नाम भी टॉपर्स लिस्ट में आ गया।
औरंगपुरा सिलैटा, उत्तर प्रदेश
UPSC की फैक्ट्री कहा जाने वाला तीसरा गांव यूपी के संभल में है। वैसे तो संभल मंदिर-मस्जिद की लड़ाई को लेकर चर्चा में है। मगर संभल के औरंगपुरा सिलैटा गांव को UPSC का हब कहा जाता है। इस गांव में 10-20 नहीं बल्कि 31 IAS ऑफिसर हैं। इसके अलावा गांव में कई बड़े अधिकारियों की लंबी लिस्ट मौजूद है।
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