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Success Story: 3 बार बनीं IRS पर नहीं मिली नौकरी, कोर्ट में किया केस और फिर...मिलिए देश की पहली महिला दिव्यांग IAS से

UPSC Success Story Ira Singhal 2014 Topper: महाराष्ट्र कैडर की IAS ऑफिसर पूजा खेडेकर के बाद UPSC की आरक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि इसी आरक्षण से लड़कर इरा सिंघल 2014 में पहली रैंक के साथ UPSC की टॉपर बनी थीं।
07:22 AM Jul 17, 2024 IST | Sakshi Pandey
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UPSC Success Story Ira Singhal 2014 Topper: बीते कई दिनों से IAS पूजा खेडेकर काफी चर्चा में हैं। पूजा खेडेकर पर आरोप है कि वो फर्जी डिग्री की मदद से UPSC की टॉपर बनी हैं। ये खबर सामने आने के बाद UPSC के आरक्षण पर भी सवाल उठने लगे हैं। बेशक कुछ लोगों ने UPSC के द्वारा दिए गए आरक्षण का गलत इस्तेमाल किया हो। मगर इसी आरक्षण ने कई लोगों को कामयाबी के मुकाम पर भी पहुंचाया है। इस लिस्ट में एक नाम 2014 की UPSC टॉपर इरा सिंघल का नाम भी शामिल है।

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देश ही पहली दिव्यांग महिला IAS

इरा सिंघल ने दिव्यांगता के बावजूद ना सिर्फ कड़ा संघर्ष किया बल्कि UPSC जैसा कठिन एग्जाम भी क्रैक कर लिया है। इरा सिंघल ने लगातार तीन बार UPSC की परीक्षा पास की। मगर दिव्यांगता के कारण IRS नहीं बन सकीं। अपना हक पाने के लिए उन्होंने अदालत के चक्कर काटे और चौथे अटेंप्ट में पहली रैंक के साथ IAS ऑफिसर बन गईं। इरा सिंघल देश की पहली महिला दिव्यांग IAS ऑफिसर हैं।

कोको कोला और कैडबरी कंपनी में किया काम

उत्तर प्रदेश के मेरठ से ताल्लुक रखने वाली इरा की शुरुआती पढ़ाई सोफिया गर्ल्स स्कूल से हुई। जिसके बाद इरा ने दिल्ली के लोरेटो कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई पूरी की। इसके बाद इरा ने इंजीनियरिंग और MBA की डिग्री हासिल की। उन्होंने कोको कोला कंपनी में मार्केटिंग इटर्न के रूप में काम किया। फिर उन्होंने कैडबरी इंडिया में भी जॉब की। अच्छे पद और अच्छा पैसा मिलने के बावजूद इरा का मन अशांत था। वो लोगों के लिए कुछ बेहतर करना चाहती थीं। ऐसे में इरा ने अपने बचपन का सपना पूरा करने की ठानी।

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इरा के बचपन का सपना

दरअसल इरा तीसरी और चौथी कक्षा में थीं। उस दौरान मेरठ में काफी कर्फ्यू लगते थे। इरा अक्सर डीएम के नए ऑर्डर सुनती थीं। इरा के मन में भी डीएम बनने की इच्छा जगी। इरा बचपन से डॉक्टर या IAS बनना चाहती थीं। मगर इरा के पिता का कहना था कि दिव्यांगता के कारण उनसे कोई इलाज नहीं करवाएगा। ऐसे में इरा ने दूसरा सपना पूरा करने की ठान ली।

अदालत से मांगी मदद

2010 में नौकरी छोड़ने के बाद इरा ने UPSC की पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में उन्हें IRS मिला। UPSC में अच्छी रैंक आने के बावजूद इरा को दिव्यांग होने के कारण सर्विस में नहीं लिया गया। इरा ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। केस के बीच इरा ने दो और अटेंप्ट दिए और दोनों में उन्हें फिर से IRS ही मिला। इस बीच इरा कोर्ट केस जीत गईं।

चौथे प्रयास में बनीं IAS

ट्रेनिंग का नोटिस आने में कई महीने लग गए। दोस्त के कहने पर इरा ने चौथा अटेंप्ट भी दिया। मेंस के अगले दिन ही इरा को IRS की ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया। इरा ने ट्रेनिंग शुरू की। मगर ट्रेनिंग खत्म होने से पहले ही UPSC का रिजल्ट आ गया और इस बार इरा IAS बन गई थीं।

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