'देवताओं की झील' के दर्शन की चाहत में 9 लोगों की मौत, 15,000 फीट पर 'महातूफान' में फंस गए ट्रेकर्स
Uttarakhand Trekkers Death: (अमित रतूड़ी) 'देवताओं की झील' देखने की चाहत ने 9 जिंदगियों को लील लिया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सहस्त्रताल ट्रेक पर हुए दुखद हादसे ने सभी का दिल तोड़कर रख दिया है। 22 लोग रोमांच के सफर को निकले थे, लेकिन मौत के चक्रव्यूह में फंस गए। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और सभी को बचा लिया गया है। 15,000 फीट की ऊंचाई पर जहां जमाने वाली ठंड हो और चारों तरफ बर्फ ही बर्फ हो, वहां अचानक खराब हुए मौसम ने बड़ी आफत ला दी है।
तूफान में रास्ता भटके ट्रेकर्स
हड्डियां जमा देने वाली सर्दी में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान में ट्रेकर्स के लिए निकला दल रास्ता भटक गया। जानकारी के मुताबिक यह ट्रेकर्स दल 29 मई को अभियान के लिए निकला था और 7 जून तक इसे वापस लौटना था। मगर 4 जून को खराब मौसम ने आफत ला दी और ये दल रास्ता भटक गया। पता चला कि 4 लोगों की मौत हो गई और बाकी फंसे हैं। SDRF की 2 टीमें बचाव कार्य के लिए भेजी गईं। मगर फिर खबर आई कि 5 और ट्रेकर्स की मौत हो गई है।
कहां के हैं ट्रेकर्स?
हिमालयन व्यू ट्रेकर्स एजेंसी, मनेरी के मुताबिक 22 लोगों में 18 कर्नाटक के एक महाराष्ट्र के और तीन स्थानीय गाइड शामिल थे। अभी तक 13 लोगों का रेस्कयू करा लिया गया है। नौ शव को नीचे लाया जा चुका है। जानकारी मिली कि 22 में से दो की तबीयत बीच में ही खराब हो गई थी और वे कल्याण बेस कैंप पर वापस आ गए थे। रेस्क्यू में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई।
बेहद खूबसूरत है ट्रेक
सहस्त्रताल झील के ट्रेक को "देवताओं की झील" और सात झीलों की यात्रा के रूप में भी जाना जाता है। उत्तरकाशी जिले में यह घाटी बेहद खूबसूरत है और यहीं पर मौजूद है यह झील। रास्ते में कई और झीलें भी हैं। यह हमेशा से ट्रेकर्स के लिए रोमांच का केंद्र बनी रहती है। वहीं उत्तराखंड के लोगों के लिए इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। हर साल स्थानीय लोग एक अनुष्ठान करते हैं जिसमें वह भगवान को अपने कंधों पर लेकर जाते हैं और झील के चारों और घूमते हैं। इस झील के बारे में कहानी भी है कि अनुष्ठान पूरा करने के लिए भगवान विष्णु ने यहां एक हजार फूल अर्पित किए थे।