क्या अयोध्या-बद्रीनाथ के बाद भाजपा को वैष्णो देवी में भी हार का डर? तो इसलिए बदला उम्मीदवार...
Vaishno Devi Assembly Seat : भाजपा ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की तीसरी लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में 29 नाम हैं। इससे पहले सोमवार को पार्टी ने कुल 44 प्रत्याशियों की एक लिस्ट जारी कर दी थी लेकिन थोड़ी ही देर बाद इसे वापस ले लिया था। इस लिस्ट में वैष्णो देवी विधानसभा सीट से भगवा दल ने रोहित दुबे को उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, आज जब नई लिस्ट जारी हुई तो बड़ा और अकेला बदलाव ये रहा कि वैष्णो देवी सीट से प्रत्याशी का नाम अब रोहित दुबे नहीं बल्कि बलदेव राज शर्मा हो चुका है। एक सीट पर इस छोटे से बदलाव ने कई बड़े सवाल उठाने का काम किया है। आइए समझते हैं भाजपा के इस कदम के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
नई लिस्ट में किया सिर्फ एक बदलाव
अपनी शुरुआती लिस्ट को वापस लेने के बाद भाजपा ने 15 प्रत्याशियों की नई लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए उम्मीदवारों के नाम थे। जम्मू में मजबूत भाजपा कश्मीर घाटी की कई सीटों पर भी चुनाव लड़ रही है। इसके बाद दूसरी लिस्ट भी सोमवार को ही आ गई थी जिसमें सिर्फ एक उम्मीदवार का नाम था। अब मंगलवार को 29 प्रत्याशियों वाली तीसरी लिस्ट आई है। बात करें बदलाव की तो वैष्णो देवी सीट पर भाजपा ने उम्मीदवार को बदला है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में अयोध्या और उत्तराखंड में बद्रीनाथ में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हिंदुत्ववादी एजेंडे वाली भाजपा वैष्णो देवी में ऐसी स्थिति नहीं बनने देना चाहती।
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अयोध्या और बद्रीनाथ दोनों जगह हारे
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट से हार का सामना करना पड़ा था। इसी संसदीय क्षेत्र में अयोध्या आता है जहां भाजपा ने भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां से भाजपा को जीत की पूरी उम्मीद थी लेकिन परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहे थे। भगवा दल के लल्लू सिंह को कांग्रेस के अवधेश प्रसाद के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में बद्रीनाथ सीट पर भी भाजपा को हार मिली थी। यहां से कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला जीते थे। उनके सामने विधायक और मंत्री रह चुके भाजपा के राजेंद्र सिंह भंडारी थे जिन्हें 5224 वोट से हार का सामना करना पड़ा था। हिंदुओं के लिए अयोध्या और बद्रीनाथ दोनों ही धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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