विहिप की काशी-मथुरा को लेकर नई स्ट्रैटजी क्या? पूर्व जजों के साथ की मीटिंग

Kashi-Mathura Dispute: विहिप के विधि प्रकोष्ठ ने बड़ी पहल करते हुए रविवार को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों के साथ एक बैठक की। बैठक के दौरान काशी-मथुरा विवाद, वक्फ बिल, धर्मांतरण रोधी कानून जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

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VHP Meeting with Former Judges

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VHP Meeting with Former Judges: विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को विधि प्रकोष्ठ की एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के 30 सेवानिवृत जजों ने हिस्सा लिया। बैठक में वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर कानूनी विवाद, वक्फ संशोधन विधेयक और धर्मांतरण समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई।

बैठक के बाद वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि हमनें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को बुलाया था। ताकि हम सभी लोग वक्फ संशोधन विधेयक, मंदिरों को वापस सौंपने, सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों को समाज को सौंपने, धर्मांतरण आदि पर चर्चा कर सकें। इसका उद्देश्य न्यायाधीशों और वीएचपी के बीच विचारों का मुक्त आदान प्रदान करना और समझ को विकसित करना है।

विचारों को साझा करने का मंच था

वहीं विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने जानकारी देते हुए कहा कि यह विचारों को साझा करने का मंच था। बैठक में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा हिंदुओं को प्रभावित करने वाले कानून, मंदिरों की मुक्ति, धर्मांतरण, गायों की हत्या और वक्फ बोर्ड पर चर्चा हुई। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद, संघ का मानना ​​है कि कानून-व्यवस्था को बाधित करने वाले मामलों को जमीनी स्तर के आंदोलनों के जरिए आगे बढ़ाया जाए। वह अदालतों के माध्यम से काशी और मथुरा जैसे विवादास्पद मामलों पर न्याय प्राप्त कर सकता है।

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पहली बार हुई इस प्रकार की बैठक

विहिप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह पहली बार है जब इस तरह का आयोजन किया गया। अब हम इसे नियमित तौर पर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से कानूनी बिरादरी के लोगों को हमारे विचारों को समझने में मदद मिलेगी। बता दें कि भाजपा शासित राज्यों में कुछ धर्मांतरण विरोधी काूनन भी अदालतों में हैं। इसके अलावा वक्फ बिल को भी जेपीसी कमेटी को भेज दिया गया।

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