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सेक्स, वर्जिनिटी, लेस्बियन और...मेडिकल कोर्स के सिलेबस से क्यों हटाए गए ये टॉपिक?

Medical Course Syllabus Latest Update: मेडिकल कोर्स के सिलेबस में एक बार फिर बदलाव किया गया है। नोटिफिकेशन जारी करके सिलेबस से कुछ टॉपिक हटाए गए हैं। पहले इन्हें पढ़ाने का फैसला लिया गया और फिर इन्हें हटाने का फैसला लिया गया, जानिए क्या है मामला?
10:32 AM Sep 13, 2024 IST | Khushbu Goyal
विरोध के बाद निर्देश जारी करके सिलेबस में बदलाव का फैसला वापस लिया गया।
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Topics Removed from Medical Course Syllabus: मेडिकल कोर्स में अब सेक्स, वर्जिनिटी टेस्ट, लेस्बियन, सूडोमी (हस्तमैथुन) जैसे टॉपिक नहीं पढ़ाए जाएंगे। इन टॉपिक्स को सिलेबस से हटा दिया गया है। पहले नेशनल मेडिकल कमीशन ने इन टॉपिक्स को क्राइम अप्राकृतिक यौन अपराध कैटेगरी में पढ़ाने का फैसला लिया था, लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने तीखी प्रतिक्रियाएं मिलने के बाद एक निर्देश जारी करके सिलेबस में बदलाव का फैसला वापस ले लिया।

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वहीं अब एक नोटिफिकेशन जारी करके वर्जिनिटी टेस्ट को अवैज्ञानिक और अमानवीय बताया गया और यौन विकृतियों, फेटिशिज्म, ट्रांसवेस्टिज्म, वॉयेरिज्म, सैडिज्म, नेक्रोफेजिया, मासोकिज्म, एक्जीबिशनिज्म, फ्रोट्यूरिज्म और नेक्रोफीलिया टॉपिक्स को सिलेबस से हटा दिया गया, क्योंकि आयोग का कहना है कि इन टॉपिक्स का वर्णन, चर्चा से इनका प्रचार होगा और इन प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलेगा, जो अवैज्ञानिक, अमानवीय और भेदभावपूर्ण है। इसलिए यह टॉपिक सिलेबस से हटाए गए हैं।

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साल 2022 में सिलेबस से हटाए थे टॉपिक्स

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को नोटिफिकेशसन के साथ जारी किए गए दिशा-निर्देशों में पैराफिलिया और पैराफिलिक विकार के बीच अंतर सिखाने का भी उल्लेख किया गया है। फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी कैटेगरी के अंतर्गत संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, छात्रों को इन टॉपिक्स से जुड़े कानूनी पहलू के बारे में पढ़ाने की बात भी कही गई है, जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत किए गए प्रावधान, सिविल और आपराधिक मामले, पूछताछ (पुलिस और मजिस्ट्रेट), जैसे टॉपिक शामिल हैं। बता दें कि साल 2022 में इन सभी टॉपिक्स को मद्रास हाईकोर्ट का एक आदेश आने के बाद सिलेबस से रिमूव कर दिया गया था, लेकिन गत 4 सिंतबर को एक आदेश जारी करके नेशनल मेडिकल कमीशन ने फिर से इन टॉपिक्स को क्राइम की कैटेगरी के तहत पढ़ाने का फैसला लिया, लेकिन इस फैसले का विरोध हुआ।

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आयोग ने वेबसाइट पर अपलोड कराया नोटिफिकेशन

मिली जानकारी के अनुसार, आयोग ने सिलेबस में किए गए बदलाव के नोटिफिकेशन को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। हालांकि अभी तक कमीशन की तरफ से इस बदलाव का कोई ऑफिशियल कारण नहीं बताया गया है, लेकिन सूत्रों क मुताबिक, इन टॉपिक्स को पूरी तरह से पढ़ाए जाने पर आपत्ति जताई गई थी, इसलिए इन टॉपिक्स के विषयों को सेलेक्ट करने और पढ़ाने संबंधी दिशा निर्देश लागू करने के बाद ही उन्हें सिलेबस में शामिल करने का फैसला लिया गया। कमीशन की वेबसाइट के अनुसार, नए सिलेबस में फोरेंसिक मेडिसन के छात्रों को अब नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के प्रावधानों के बारे में डिटेल में पढ़ाया जाएगा। इन नए कानूनों में रेप और अन्य बच्चों की यौन अपराधों से सुरक्षा जैसे अन्य कानूनों के बारे में बताया गया है।

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National Medical AssociationNational Medical Commission
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