वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की बात! नीतीश-नायडू पर निगाहें, कहीं मोदी 3.0 को उल्टा न पड़ जाए दांव
Waqf Board Amendment Bill: वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की खबरों के बीच दो राजनीतिक पार्टियों पर सभी की निगाहें टिकी हैं। इस बीच जनता दल यूनाइटेड के नेता ने वक्फ बोर्ड के मामले में बिहार मॉडल की बात करके सियासी गलियारों में दिलचस्पी पैदा कर दी है। हालांकि चंद्रबाबू नायडू की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
देखना होगा कि आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों के दम पर विधानसभा चुनाव जीतने वाले चंद्रबाबू नायडू क्या फैसला लेते हैं, लेकिन नायडू ने जिस तरह से विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, वक्फ बोर्ड मामले में दोनों पार्टियों के स्टैंड को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है। सवाल ये भी है कि क्या नरेंद्र मोदी, वक्फ बोर्ड के मामले में नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की नाराजगी मोल लेना चाहेंगे।
माना जा रहा है कि नीतीश और नायडू पर निर्भर मोदी 3.0 सरकार इस हफ्ते संसद में वक्फ बोर्ड एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव पेश कर सकती है। इस बीच जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कहा है कि बिहार में वक्फ संपत्तियों के संरक्षण के लिए एक मॉडल तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वक्फ की संपत्ति की सुरक्षा के लिए भू-राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव और जिलों में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को अधिकार दिए हैं। साथ ही वक्फ बोर्ड की संपत्ति के विकास के लिए बिहार सरकार ने 100 करोड़ रुपये दिए हैं। इससे पुस्तकालय और मल्टी पर्पज हॉल बनाए जा रहे हैं।
नीरज कुमार ने साफ कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति का उपयोग गरीबों और अनाथ बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए होगा। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की इस पहल को केंद्र सरकार भी ध्यान में रखे।
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हिंदुओं के लिए बिहार में धार्मिक न्याय बोर्ड
बता दें कि बिहार में धार्मिक न्यास बोर्ड ने हिन्दू देवी-देवता के मंदिर और मठ की जमीन के लिए भी मानक तय किए हैं। राज्य सरकार ने तय किया है कि महंत के नाम पर कोई भी जमीन नहीं होगी, बल्कि जमीन देवी-देवता के नाम पर ही होगी। जिस तरीके से नीतीश कुमार ने बिहार में वक्फ बोर्ड के लिए स्पष्ट कानून बनाएं हैं। उससे साफ पता चलता है कि उन्हें बीजेपी की तरह मुस्लिम वोट बैंक से परहेज नहीं है। उन्हें मुसलमानों का वोट चाहिए और उनकी सरकार उनके हितों का भी ध्यान रखती है।
हालांकि वक्फ बोर्ड के मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी प्रतिक्रिया दी है। बोर्ड ने साफ कहा है कि वक्फ एक्ट में कोई भी बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ये स्पष्ट करना आवश्यक समझता है कि वक्फ एक्ट 2013 में कोई भी ऐसा बदलाव, जिससे वक्फ संपत्तियों की हैसियत और प्रकृति बदल जाए या उन्हें हड़पना सरकार या किसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाए, हरगिज कुबूल नहीं होगा। इसी तरह बोर्डों के अधिकारों को कम या सीमित करने को भी कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वर्तमान में देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड कार्यरत हैं। देखना दिलचस्प होगा कि संसद में इस बिल को लेकर क्या बहस होती है। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू क्या स्टैंड लेते हैं, क्योंकि मोदी 3.0 तो इन्हीं दोनों नेताओं पर निर्भर हैं।