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आंखों के सामने बह गया घर, Wayanad Landslide में जिंदा बचे लोगों की आपबीती सुनिए

Wayanad Landslide Miracle Story: केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड को अब तक 4 दिन बीच चुके हैं। इस बीच वहां जंगल में शरण लिए लोगों ने अपने अनुभव पत्रकारों के साथ साझा किए हैं कि कैसे उनकी जान बची।
01:51 PM Aug 02, 2024 IST | Rakesh Choudhary
वायनाड हादसे की 3 चमत्कारी कहानियां
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Wayanad Landslide Miracle Story: वायनाड लैंडस्लाइड हादसे में अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इस हादसे में जिंदा बचे लोगों के घर भी उजड़ गए हैं। अब लोग मलबे में अपने रिश्तेदारों को तलाश रहे हैं। वहीं बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें खुद का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं लग रहा। ऐसे में आइये जानते हैं हादसे में जिंदा बचे लोगों की कहानी कैसे उन्होंने हादसे के बाद खुद को संभाला।

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मेप्पाडी के राहत शिविर में एक बुजुर्ग महिला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी पोती ने एक जंगली हाथी के बगल में रात बिताई। उन्होंने कहा कि हमनें जंगली हाथी से ऐसे ही बात की जैसे हम इंसानों से करते हैं। हमने हाथी से कहा कि हमने सब कुछ खो दिया, हम पर हमला मत करना। इसके बाद हमने हाथी के बगल में बैठकर पूरी रात बिताई। उन्होंने बताया कि जब भूस्खलन हुआ तो वह अपने घर से पहाड़ की ओर भागी। वहीं सुजाता के परिवार के अन्य सदस्य इस हादसे में घायल हो गए हैं।

जंगल में जाकर ली शरण

पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर मोहम्मद बासिल ने बताया कि भूस्खलन से 10 मिनट पहले ही उनके परिवार ने सूझबूझ दिखाते हुए जंगलों से भागकर पहाड़ियों में चले गए। इससे उनकी मां-पिता और स्वयं की जान बच गई। उन्होंने कहा कि हादसे वाली सुबह से पहले रात में हमें अपने घर पर नींद नहीं आ रही थी इसलिए हम 1 किलोमीटर अपने चाचा के घर पर सोने के लिए चले गए। इसके बाद वहां देखा तो सुबह पानी की आवाजें आ रही थीं और जिस घर में हम मौजूद थे वह भी हिलने लगा। मलबे में घर के दरवाजे अटक गए। इसके बाद हमने पूरी ताकत से दरवाजे खोले और जंगल की ओर भाग गए जिससे हमारी जान बच गई।

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आंखों से बहते हुए देखा घर

चूरलमाला के गणेश ने बताया कि वह सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं वे सोमवार को देर रात घर आए थे। जब वे घर आए तो उन्होंने कीचड़ से भरा पानी देखा इसके बाद उन्होंने बिना कोई समय गंवाए सीधा पत्नी को उठाया और पहाड़ों पर चले गए। इस हादसे में गणेश की बहन, जीजा और उनके बेटे और बहु की मौत हो गई। उन्होंने पहाड़ों से अपनी बहन और उनका घर बहते हुए देखा।

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