गर्दन टूटी, चेहरे पर नाखून के निशान, प्राइवेट पार्ट से खून बहा, लेडी डॉक्टर की ऑटोप्सी रिपोर्ट में सामने आया सच
Lady Doctor Rape Murder Case : पश्चिम बंगाल से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। कोलकाता के सरकारी अस्पताल में शुक्रवार को एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर का शव मिला। इस दौरान लेडी डॉक्टर की गर्दन टूटी, शरीर पर चोट के निशान थे। आंख-मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था। डेड बॉडी अर्धनग्न अवस्था में मिली थी। इसे लेकर पश्चिम बंगाल में आक्रोश व्याप्त है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया। सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आरोपियों को फांसी की सजा दिलाएंगे।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर पीजी सेकंड ईयर की छात्रा थीं। तीसरे फ्लोर पर सेमिनार हॉल के अंदर लेडी डॉक्टर की डेड बॉडी सदिग्ध हालत में मिली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि पहले महिला डॉक्टर के साथ रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई।
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जानें ऑटोप्सी रिपोर्ट में क्या सच आया सामने?
ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, महिला डॉक्टर के पेट, बाएं पैर, दाहिने हाथ, गर्दन, छोटी अंगुली और होठों पर चोट लगी थी। चेहरे पर नाखून के निशान थे। दोनों आंखों और मुंह से खून निकल रहा था। प्राइवेट पार्ट से भी खून बह रहा था। उसकी गर्दन की भी हड्डी टूट थी। इससे ऐसा लग रहा है कि आरोपी ने पहले रेप किया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी। हालांकि, पुलिस पूरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज
इस मामले में अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और भाजपा ने राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर ममता सरकार पर निशाना साधा। इस बीच पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लेडी डॉक्टर के परिजनों ने रेप के बाद हत्या का आरोप लगाया है।
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जानें इस घटना पर क्या बोलीं CM ममता बनर्जी?
इसे लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ित परिवार से बातचीत की और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया। सीएम ने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। ऐसे तो वो फांसी की सजा का सपोर्ट नहीं करती हैं, लेकिन जरूरत पड़ी तो आरोपियों को फांसी की सजा दिलाई जाएगी। अगर डॉक्टरों को राज्य प्रशासन की जांच पर भरोसा नहीं है तो वे किसी भी जांच एजेंसी को यह मामला सौंप सकते हैं। इसमें उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।