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जानें क्या होती है Heat Wave? जो Delhi-NCR समेत कई राज्यों में बनी जानलेवा, IMD ने क्यों जारी किया रेड अलर्ट?

Heat Wave: मई के महीने में दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में हीट वेव का कहर देखने को मिल रहा है। IMD ने भी हीट वेव को लेकर कई जगहों पर रेड अलर्ट जारी कर दिया है। तो आइए जानते हैं हीट वेव आखिर क्या है?
10:10 AM May 24, 2024 IST | Sakshi Pandey
Heat Wave
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What is Heat Wave: देश में गर्मी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। तापमान हर दिन नए रिकॉर्ड छू रहा है, जिसकी एक सबसे बड़ी वजह हीट वेव है। हीट वेव की वजह से पिछले 10 दिनों के भीतर सिर्फ राजस्थान में 9 लोगों की जान चली गई तो वहीं बाड़मेर दुनिया का दूसरा सबसे गर्म जिला बन गया। ऐसे में कई लोगों के जहन में हीट वेव को लेकर अनगिनत सवाल हैं। आखिर ये हीट वेव क्यों और कहां से आती है? हीट वेव को नापने का पैमाना क्या है? हीट वेव कैसे जानलेवा हो सकती है? देश के कितने राज्यों में हीट वेव का खतरा बना रहता है? तो आइए जानते हैं हीट वेव से जुड़े इन सभी सवालों के जवाब।

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क्या है हीट वेव?

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर हीट वेव घोषित की जाती है तो पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पारा हीट वेव की श्रेणी में आता है। वहीं तटीय राज्यों में 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर हीट वेव मानी जाती है। इसके अलावा अगर किसी भी जगह का तापमान नॉर्मल टेंप्रेचर से 6.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो तो उस जगह को सीवियर हीट वेव की कैटेगरी में गिना जाता है।

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Delhi NCR में क्यों बढ़ रहा है हीट वेव का खतरा?

राजधानी दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में हीट वेव का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसकी वजह राजस्थान से आने वाली गर्म हवाएं हैं। दरअसल अरावली पर्वत, जो कि गुजरात से लेकर रायसेना हिल्स (राष्ट्रपति भवन) तक है, रेगिस्तान की गर्म हवाओं को रोकने का कमा करती है। मगर अवैध खनन और प्राकृतिक आपदाओं के कारण अरावली का कद घटता जा रहा है। यही वजह है कि गर्मियों में रेगिस्तान से आने वाली गर्म हवाएं उत्तर और पूर्व दिशा की ओर बढ़ती हैं, जिससे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में हीट वेव का कहर अधिक देखने को मिलता है।

किन राज्यों में आती है हीट वेव?

हीट वेव आने का खतरा मई के महीने में अधिक रहता है। इस दौरान राजस्थान और महाराष्ट्र के विदर्भ रीजन में तापमान सबसे अधिक 45 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात को भी हीट वेव के कहर से जूझना पड़ता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कुछ इलाकों में हीट वेव देखने को मिलती है तो तमिलनाडु और केरल में भी कुछ समय के लिए हीट वेव दस्तक देती है।

Heat Wave Red alert

कब जारी होता है रेड अलर्ट?

वैसे तो गर्मियों के आगाज के साथ ही हीट वेव भी एक्टिव होने लगती है। मगर मई के महीने में IMD अक्सर उत्तर भारत के कई इलाकों में रेड अलर्ट जारी करता है। बता दें कि अगर हीट वेव लगातार 2 दिन से ज्यादा किसी इलाके में एक्टिव रहती हैं तो उसे रेड अलर्ट की कैटेगरी में रखा जाता है। इसके अलावा एक ही सीजन में लगातार 6 बार से ज्यादा हीट वेव आने की संभावना वाले इलाकों में भी रेड अलर्ट जारी किया जाता है।

क्यों खतरनाक होती है हीट वेव?

हीट वेव कई लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों की मानें तो 1998 से 2017 के बीच में हीट वेव की वजह से 1 लाख 66 हजार लोगों की जान गई है। ऐसे में हीट वेव से बचने के लिए धूप में कम से कम निकलना और ज्यादा पानी पीना बेहतर उपचार साबित हो सकता है।

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Tags :
Delhi-NCR Heat WaveHeat WaveIMD Weather Forecast News
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