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ISRO के नए चीफ वी. नारायणन कौन? स्पेस साइंस का 40 साल का अनुभव, जानें अचीवमेंट-अवार्ड्स

ISRO New Chief V Narayanan: इसरो के चीफ अब वी. नारायणन होंगे। वर्तमान चीफ सोमनाथ रिटायर होने जा रहे हैं। नारायणन इसरो और स्पेस साइंस से 40 साल से जुड़े हुए हैं। इन 4 दशकों में उन्होंने जहां इसरो को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दिया, वहीं अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता भी हासिल की।
09:13 AM Jan 08, 2025 IST | Khushbu Goyal
ISRO New Chief V Narayanan
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ISRO New Chief V Narayanan Profile: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ रिटायर होने जा रहे हैं। उनकी जगह केंद्र सरकार ने स्पेस साइंटिस्ट वी. नारायणन को नया चेयरमैन नियुक्त किया है, जो 14 जनवरी 2025 को ISRO के नए चीफ का पदभर संभाल लेंगे। उन्हें स्पेस डिपार्टमेंट का सेक्रेटरी भी बनाया गया है और वे अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी होंगे। वलियामाला स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर नारायणन का वर्किंग पीरियड 2 साल का रहेगा। रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेशन के एक्सपर्ट नारायणन को स्पेस साइंस का 40 साल का अनुभव है। वे चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभा चुके हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं...

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डॉक्टरेट डिग्री होल्डर और गोल्ड-सिल्वर मेडलिस्ट

इसरो के नए चीफ वी नारायण की एजुकेशन तमिल भाषी स्कूलों में हुई। उन्होंने 1989 में IIT खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में MTECH किया। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में PHD की। एमटेक में पहली रैंक मिलने पर उन्हें सिल्वर मेडल से पुरस्कृत किया गया। वी. नारायणन ने स्कूल एजुकेशन, DME फर्स्ट रैंक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में AMIE के साथ की।

इसरो में रहते हुए यह योगदान दिया

रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन एक्सपर्ट वी. नारायणन ने साल 1984 में इसरो जॉइन किया था। DME करने के बाद नारायणन ने TI डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री, BHEL त्रिची और BHEL रानीपेट में काम किया। इसके बाद इसरो का हिस्सा बने। साल 2018 में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर के डायरेक्टर बने। वे वर्तमान में परियोजना प्रबंधन परिषद-अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली (PMC-STS) के अध्यक्ष भी हैं। इसरो जॉइन करने के बाद उन्होंने साढ़े 4 साल विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में बिताए।

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साउंडिंग रॉकेट, ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV), पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) पर वे कार कर चुके हैं। LPSC में काम करते हुए उन्होंने इसरो के अलग-अलग मिशन के लिए 183 LPS और कंट्रोल पावर प्लांट बनाए और बनवाए। नारायणन GSLV MK-III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के डायरेक्टर भी रहे। PSLV के दूसरे और चौथा फेज उनके नेतृत्व में पूरा हुआ। PSLV C57 के लिए कंट्रोल पावर प्लांट भी नारायणन ने बताया। आदित्य स्पेसक्राफ्ट, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के लिए प्रोपल्शन सिस्टम भी नारायणन की देन है।

नारायणन की अचीवमेंट्स और अवार्ड्स

अपने 40 साल के करियर में नारायणन को कई अवॉर्ड जीते और कई सम्मान भी मिले। उन्हें IIT खड़गपुर से सिल्वर मेडल, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (ASI) से गोल्ड मेडल, NDRF से नेशनल डिजाइन अवॉर्ड मिल चुका है।

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