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Chirag Paswan हाथ में क्यों बांधते हैं ढेर सारे धागे? कैमरे के सामने छलका 'मोदी के हनुमान' का दर्द

Chirag Paswan Threads in Hand: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान ने अब केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के बाद से चिराग की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। हालांकि आपने अक्सर चिराग को हाथ में ढेर सारे धागे बांधे देखा होगा। आइए जानते हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है?
01:28 PM Jul 17, 2024 IST | Sakshi Pandey
हाथ में धागे क्यों पहनते हैं चिराग पासवान?
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Chirag Paswan Threads in Hand: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद देशभर के नेशनल क्रश बने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को भला कौन नहीं जानता। माथे पर टीका, हाथ में कलावा और सफेद कुर्ता-पजामा में फैंस के फेवरेट बने चिराग अक्सर सुर्खियां बटोरते हैं। खासकर बिहार में चिराग की फैन फॉलोइंग रातों रात बढ़ गई है।

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चिराग ने बताई वजह

चिराग जब कभी मीडिया के सामने आते हैं उनके माथे का तिलक और हाथ में ढेर सारे धागे हमेशा देखने को मिलते हैं। हालांकि चिराग ने अपने हाथ में इतने सारे धागे क्यों बांध रखे हैं? मशहूर पत्रकार स्मिता प्रकाश को दिए एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में चिराग ने इस सवाल का जवाब दिया है। चिराग का कहना है कि ये महादेव के साथ मेरी दोस्ती का प्रमाण है। मैं महादेव का बहुत बड़ा भक्त हूं।

साल में 4 बार उतारते हैं धागे

चिराग पासवान ने कहा कि मैं बहुत ज्यादा धार्मिक व्यक्ति हूं। मैं बहुत सारे मंदिरों में जाता रहता हूं। उन्हीं मंदिरों में मुझे ये धागे मिलते हैं। मैं सारे धागे पहने रखता हूं और साल में 4 बार सिर्फ इन धागों को उतारता हूं। नवरात्री में मैं अपने धागे बदलता हूं। मेरे पास हर ज्योतिर्लिंग के धागे पड़े हुए हैं।

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कैसे बने महादेव के भक्त

अपने पिता रामविलास पासवान का जिक्र करते हुए चिराग ने कहा कि मेरे पिता पूरी तरह से नास्तिक थे। वो मां की वजह से थोड़ी बहुत पूजा कर लेते थे। लेकिन मेरा बचपन से धर्म के प्रति काफी झुकाव रहा है। खासकर महादेव से मैं हमेशा प्रभावित रहा हूं। मैं जब कभी उनकी तस्वीर देखता था तो अपने आप उसकी तरफ आकर्षित हो जाता था। समय के साथ ये लगाव बढ़ता गया। घर में कोई बहुत ज्यादा पूजा-पाठ का माहौल नहीं था।

मुश्किल वक्त में मिली मदद

चिराग पासवान ने कहा कि पिता की मौत के बाद पिछले 3 साल मेरी जिंदगी का सबसे कठिन समय था। मुझे लगता है महादेव के लिए मेरे अटूट विश्वास ने मुझे संभाले रखा। उसी वजह से मेरा सेल्फ कंट्रोल बना रहा। अगर ये नहीं होता तो शायद मैं बिखर जाता। उस दौरान सबकुछ गलत ही हो रहा था। पार्टी टूट गई, परिवार टूटा, सब मुझसे दूर जा रहा था। मुझे नहीं पता था कि क्या करना है? कहां से कैसे शुरू करूं? मगर मेरे सेल्फ कंट्रोल ने मेरा सब्र बरकरार रखा।

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