साथी पकड़े गए तो और आक्रामक हो जाते हैं भेड़िये! बहराइच में कैसे पूरा होगा 'ऑपरेशन भेड़िया'? एक्सपर्ट्स से जानें

Bahraich Wolf Attacks: बहराइच इस समय भेड़ियों के आतंक का सामना कर रहा है। बीते दिनों ही यहां वन विभाग ने आदमखोर हो चुके एक भेड़िये को पकड़ने में सफलता पाई थी। लेकिन अभी भी ये घटनाएं रुकी नहीं हैं। इस रिपोर्ट्स में एक्सपर्ट्स से समझिए भेड़ियों के व्यहार और इसमें आ रहे बदलाव के बारे में।

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Representative Image (Pixabay)

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अधीर यादव, देहरादून

Wolves Attacks : उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुए भेड़िये के हमले में 8 से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि, उत्तर प्रदेश वन विभाग लगातार आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने की कवायद में जुटा हुआ है। बहराइच के कई गांवों में बीते दिनों हुए भेड़िये के हिंसक हमलों के बाद, यह मामला देश भर में चर्चा का एक बड़ा विषय बन गया है।

बहराइच के कई गांवों में भेड़ियों के हमलावर होने के पीछे की असल वजह क्या है, क्यों भेड़िये इंसानों को शिकार बना रहे हैं, आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने के लिए क्या कुछ और तरीके अपनाए जा सकते हैं? ऐसे तमाम मामलों पर उत्तराखंड के पूर्व प्रमुख वन संरक्षण और वन्य जीवों के जानकार जय राज ने अहम जानकारियां साझा की हैं।

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उत्तराखंड के पूर्व प्रमुख वन संरक्षक जय राज ने बताया कि भेड़िये काफी समझदार जानवर होते हैं। यूं तो वह इंसानों से बचते रहते हैं लेकिन आदमखोर बन जाने पर भेड़िये काफी खतरनाक हो जाते हैं। बहराइच की इस तरह की घटनाओं को लेकर जय राज ने बताया कि यह किसी एक भेड़िये का नहीं बल्कि भेड़ियों के एक झुंड का काम है।

अलग हुए तो आक्रामक हो जाते हैं भेड़िये

बता दें कि उत्तर प्रदेश वन विभाग ने अभी तक करीब 3 से 4 भेड़िये पकड़ चुकी है। जय राज के अनुसार अगर झुंड के कुछ भेड़िये पकड़ लिए जाएं या झुंड से अलग हो जाएं तो बाकी भेड़िये काफी आक्रामक हो जाते हैं। हो सकता है कि इसी वजह से बहराइच में भेड़ियों की आक्रामकता बढ़ी हो। जय राज के मुताबिक यह एक अहम पॉइंट है।

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इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस साल मानसून के सीजन में बारिश बहुत ज्यादा हुई है। इसकी वजह से कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। जंगलों में भी हालात ऐसे ही हैं। संभावना है कि बारिश का पानी उनकी गुफाओं में भर गया हो जिसके चलते जान बचाने और खाने की तलाश में भेड़िये इंसानी आबादी की ओर रुख कर गए।

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