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क्या वर्कलोड से वाकई मौत हो सकती है? जानें जरूरत से ज्यादा काम करना कितना खतरनाक, क्या हैं साइड इफेक्ट्स

Workload Side Effects: ऑफिस में वर्कलोड के कारण दिल का दौरा पड़ने से लड़की की मौत हो गई, लेकिन क्या वर्कलोड वाकई जान ले सकता है? आखिर एक जगह बैठै-बैठे लगातार कई घंटे काम करना कितना खतरनाक है, आइए जानते हैं...
01:25 PM Sep 19, 2024 IST | Khushbu Goyal
Representative Image (Pixabay)
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Know Overworking Side Effects: महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक युवती की मौत हो गई और इसकी मौत की वजह वर्कलोड निकली। 26 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट अन्ना सेबेस्टियन अर्न्स्ट एंड यंग (EY) बिग फोर अकाउंटिंग फर्म में काम करती थी, लेकिन ज्यादा वर्कलोड और उसके स्ट्रेस के कारण उसकी नींद और भूख खत्म हो गई थी। हार्ट अटैक से उसकी मौत हुई। यह आरोप लड़की मां ने एक ईमेल करके कंपनी पर लगाए। इसके बाद अन्ना के अंतिम संस्कार में कंपनी का कोई कर्मचारी शामिल नहीं हुआ।

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हालांकि यह कोई पहला केस नहीं हुआ है, दुनियाभर में ऐसे कई मामले होते हैं। देश में कई केस हो चुके हैं, लेकिन वे रिपोर्ट नहीं होते, वह अलग बात है। पुणे मे हुआ मामला भी इसलिए सामने आया, क्योंकि लड़की मां ने ईमेल करके आरोप लगाए और दुनिया को कॉर्पोरेट सेक्टर की सच्चाई बतानी चाही। मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई कि वर्कलोड से क्या वाकई मौत हो सकती है? आखिर वर्कलोड कितना खतरनाक है और इंसान के कैसे किस हद तक प्रभावित कर सकता है। इस पर हेल्थ एक्सपर्ट्स नाम न छापने की शर्त पर बात कर रहे हैं।

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वर्कलोड के कारण हो सकती हैं ये समस्याएं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि दिन में कई-कई घंटे और ज्यादा काम करने से बीपी और कॉलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। एक जगह बैठे रहने से फेफड़ों और शरीर के अन्य अंगों में रक्त संचरण ठीक से नहीं होता, परिणामस्वरूप शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं। काम के दबाव बढ़ने से दिमाग पर प्रेशन आएगा और इससे दिल पर जोर पड़ेगा, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। आंतों के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और एन्डोमेट्रीअल कैंसर होने का खतरा है।

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कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों खत्म हो सकती हैं, जिससे चलने में समस्या होगी। गठिया रोग हो सकता है, क्योंकि काम ज्यादा होता तो एक जगह बैठे रहेंगे और जॉइंट जम जाएंगे। मेंटली वीक हो सकते हैं। कमर दर्द मुसीबत बन सकता है, आप बेड पर भी पहुंच सकते हैं। शुगर होने का खतरा है। कॉलेस्ट्रॉल बढ़ेगा तो वह कई बीमारियों की वजह बन सकता है। वजन बढ़ेगा तो भी बीमारियां हो सकती हैं। बीमारी कब जानलेवा साबित हो जाए, कहा नहीं जा सकता। वर्कप्लेस और वर्कलोड को लेकर ग्लोबल थिंक टैंक यूकेजी वर्कफोर्स इंस्टीट्यूट ने मार्च 2024 में एक रिपोर्ट जारी कर चुकी है।

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अन्ना की मां ने ईमेल में क्या लिखा था?

अन्ना की मां ने कंपनी के मालिक राजीव मेमानी को लिखे ईमेल में आरोप लगाया कि कंपनी अन्रा से ज्यादा काम कराती थी। वर्कलोड के कारण उसकी हेल्थ बिगड़ी और दिन का दौरान पड़ने से उसकी मौत हो गई। अन्ना को जो काम करने को कंपनी ने दिया था, वह उसका नहीं था। क्योंकि उसने 4 महीने पहले ही जॉइन किया था, इसलिए वह विरोध नहीं कर पाई। उसने उस काम को पूरा करने के लिए घंटों लगातार एक जगह बैठकर काम किया।

14 अगस्त को उसका जन्मदिन था, लेकिन उसने वॉयस नोट भेजकर कहा कि वह कोच्चि आएगी, लेकिन काम के कारण वह नहीं आ पाई। जब उसने जॉइन किया था तो उसे कोई मेडिकल प्रॉब्लम नहीं थी और अचानक उसे दिल का दौरा पड़ गया और उसकी मौत भी हो गई। मेडिकल रिपोर्ट में भी स्ट्रेस बताया गया, जबकि न परिवार में कोई तनाव था और न ही आर्थिक तंगी थी। इसलिए अन्ना की मौत के लिए कंपनी और वर्कलोड ही जिम्मेदार है।

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