होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

काल कोठरी से सियासत का सफर... जेल जाने पर झारखंड के कई नेताओं की चमकी किस्मत, इनका डूबा करियर?

Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में 81 विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं, 23 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। झारखंड में कई नेता ऐसे हैं, जिनकी किस्मत जेल जाने के बाद चमक गई। वहीं, कई नेताओं का करियर जेल जाने के बाद डूब गया।
06:18 PM Oct 30, 2024 IST | Parmod chaudhary
Advertisement

Jharkhand Assembly Election: झारखंड की राजनीति का जेल से खास रिश्ता रहा है। जेल जाने के बाद कई नेताओं का राजनीतिक करियर चमक गया। वहीं, कई नेता ऐसे रहे, जो जेल जाने के बाद हाशिए पर आ गए। इस चुनाव में झारखंड की झामुमो सरकार ने भी नारा दे रखा है 'जेल का जवाब जीत से'। बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन को जेल से बाहर आए 4 महीने हो चुके हैं। तभी से उनकी पार्टी जेल के मुद्दे को चुनाव में भुनाने के लिए जुटी हुई है। सोरेन हर सभा में केंद्र को घेर रहे हैं। उनका कहना है कि जब उन्होंने सरकार से प्रदेश के हक के 1 लाख 36 हजार करोड़ मांगे तो उनको जेल में डाल दिया गया।

Advertisement

वहीं, बीजेपी भी सोरेन, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और कई अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोपों को उछाल रही है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा लगातार प्रचार के दौरान सोरेन सरकार को घेर रहे हैं। इस बार पाकुड़ और कोडरमा सीटों की चर्चा ज्यादा है।

कोडरमा सीट इस बार चर्चा में

कोडरमा से इंडिया गठबंधन के साझा उम्मीदवार सुभाष यादव मैदान में हैं। वे बालू घोटाले के मामले में जेल में हैं। वे आरजेडी से नामांकन कर चुके हैं। पाकुड़ सीट पर कांग्रेस ने इस बार पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी निशात को टिकट दिया है। वे पहली बार इलेक्शन लड़ रही हैं। एक और सीट है मनिका, जहां से कुख्यात नक्सली कमांडर बैजनाथ सिंह ने पर्चा दाखिल किया था, लेकिन खारिज हो गया। गैंगस्टर अमन साहू ने भी चुनाव लड़ने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी थी। लेकिन कोर्ट ने मना कर दिया।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः विधानसभा चुनावः 81 सीटों के गेम में 9 सीटें बनेंगी गेमचेंजर! झारखंड का ‘हरियाणा’ न हो जाए…

1977 में धनबाद लोकसभा सीट से मार्क्सवादी समन्वय समिति के नेता एके रॉय जेल में रहकर जीते थे। उन्होंने 1975 में इमरजेंसी का विरोध किया था। दो साल वे जेल में रहे। वहीं, विनोद बिहारी महतो, शिबू सोरेन, निर्मल महतो जैसे कई नेता ऐसे रहे, जो जेल जाने के बाद भी चुनाव जीतने में सफल रहे। लोगों ने इनका भरपूर साथ दिया। 1989 में हजारीबाद दंगों के आरोपी यदुनाथ पांडे बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे। दंगों के बाद उनको जेल में डाला गया था। वहीं, 1990 में पांकी विधानसभा सीट से मधु सिंह ने जीत हासिल की थी। जिस समय परिणाम आया, वे जेल में थे। इससे पहले इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी संकटेश्वर सिंह ने जेल में रहते जीत हासिल की थी।

कामेश्वर बैठा ने हासिल की जीत

2009 में नक्सली कमांडर कामेश्वर बैठा ने जीत हासिल की थी। वे सासाराम जेल में बंद थे। झामुमो ने उनको टिकट दिया था। 2009 में तोरपा सीट से पौलुस सुरीन भी जेल में रहकर विधायक बने थे। जेल से निकले गोपाल कृष्ण ने तमाड़ सीट पर हुए उपचुनाव में 2009 में सीएम शिबू सोरेन को भी हरा दिया था। कई नेता ऐसे भी रहे, जिनका करियर जेल जाने के बाद डूब गया। 2009 में खूंटी से झामुमो ने चरण पूर्ति को टिकट दिया था। वे नक्सली हिंसा के आरोप में बंद थे। लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए। जेल जाने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा चुनाव नहीं जीत पाए। कुछ ऐसा ही पूर्व मंत्री एनोस एक्का और हरिनारायण राय के साथ हुआ। जिनका जेल जाने के बाद करियर डूब गया।

ये भी पढ़ेंः Jharkhand Chunav 2024: सरकार बनाने में छोटे दलों की कितनी भूमिका? AJSU-RJD दोहराएंगे इतिहास

Open in App
Advertisement
Tags :
Jharkhand Assembly Election 2024
Advertisement
Advertisement