झारखंड में लगातार दूसरी बार सत्ता से दूर क्यों BJP! जानें 5 बडे़ कारण
Jharkhand Assembly Election Result 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के रूझान अब धीरे-धीरे नतीजों में तब्दील होने लगे हैं। चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक बीजेपी गठबंधन 31 सीटों पर आगे चल रहा है, वहीं इंडिया गठबंधन 48 सीटों पर आगे चल रहा है। जोकि बहुमत के आंकड़ें 41 से 7 अधिक है। झारखंड में रूझानों से राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान हैं। पार्टी ने प्रदेश में घुसपैठ, लव जिहाद जैसे मुद्दे उठाए थे। आदिवासी सीटों पर आक्रामक तरीके से चुनाव प्रचार भी किया, लेकिन ऐसे क्या कारण रहे कि पार्टी लगातार दूसरी बार चुनावी जीत से दूर रह गई है। आइये जानते हैं 5 झारखंड में बीजेपी की वापसी नहीं होने के 5 बड़े कारण।
1. पार्टी ने चुनाव में बांग्लादेशी घुसपैठियों और लव जिहाद जैसे मुद्दे उठाकर आदिवासियों को साधने की कोशिश की, लेकिन ये सारे मुद्दे भी फेल रहे। बीजेपी की इस काट के तौर पर झामुमो ने अपनी योजनाओं को मुद्दा बनाया और आदिवासियों ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया।
2. झारखंड में बीजेपी ने पूरे दमखम से प्रचार किया। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव से पहले दो महीने पहले मैदान में उतरे थे। यहां तक कि पार्टी ने सबसे पहले उम्मीदवारों की सूची भी जारी की थी। इसके बावजूद पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता से दूर रही। पार्टी आदिवासियों को साधने में असफल रही।
3. झारखंड में चुनाव से पहले हेमंत सोरेन को एजेंसियों ने अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। बीजेपी चुनाव में यह कहती रही कि सोरेन सरकार भ्रष्टाचार में डूब चूकी है, लेकिन सोरेन के जेल जाने से आदिवासियों की सहानुभूति उन्हें मिली और इसी का फायदा हुआ कि पार्टी को जीत मिली।
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4. बीजेपी पूरे चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण पर निर्भर रही। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरे झारखंड में 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा दोहराया। वहीं दूसरी ओर झामुमो ने महिलाओं को दी जाने सम्मान राशि और फ्री बिजली योजनाओं को मुद्दा बनाया। ऐसे में बीजेपी का यह दांव भी उसके खिलाफ गया।
5. झारखंड चुनाव में इस बार महिलाओं ने पूरे प्रदेश की 81 में से 68 सीटों पर पुरुषों से अधिक मतदान किया। वहीं शहरी वोटर्स की तुलना में ग्रामीणों ने अधिक मतदान किया। शहरी वोटर्स का घरों से नहीं निकलना और महिलाओं की एकतरफा वोटिंग से बीजेपी को नुकसान हुआ।
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