Jharkhand Chunav 2024: सरकार बनाने में छोटे दलों की कितनी भूमिका? AJSU-RJD दोहराएंगे इतिहास
Jharkhand Chunav 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की 43 सीटों पर चुनाव प्रचार अभियान जोरों पर हैं। सभी दल उम्मीदवारों की जीत के लिए चुनावी सभाओं के जरिए दो-दो हाथ कर रहे हैं। आपको बता दें कि झारखंड के गठन के बाद से ही प्रदेश की सियासत में छोटे दलों की बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है। छोटे दल सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। प्रदेश के गठन के बाद से ही किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय क्षत्रप हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
साल 2000 में झारखंड के गठन के बाद से ही प्रदेश में पहली सरकार गठबंधन की बनी थी। झारखंड में बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में सरकार बनी थी। इस सरकार में यूनाइटेड गोमांतक प्रजातांत्रिक पार्टी की बड़ी भूमिका थी। इस सरकार में 26 मंत्री थे, जिसमें से एक जोबा मांझी भी थी। जोबा मांझी यूडीजीपी से जीतकर विधानसभा पहुंची थी।
2005 में मरांडी की पार्टी ने जीती 11 सीटें
इसके बाद 2005 के चुनाव में भी किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, इसके बाद एक बार फिर क्षेत्रीय क्षत्रप किंगमेकर साबित हुए। इस चुनाव में आजसू, यूजीडीपी और एआईएएफबी ने 2-2 सीटें जीती। 2009 के चुनाव में भी छोटे-छोटे दलों का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। करीब 20 सीटें ऐसी थी, जहां छोटे-छोटे दलों के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। बाबूलाल मरांडी बीजेपी से अलग होकर 25 सीटों पर लड़े और 11 सीटें जीत गए।
ये भी पढ़ेंः Maharashtra Chunav 2024: उद्धव-शरद ने जीता सीट शेयरिंग का दंगल, जानें कांग्रेस क्यों पिछड़ी?
2019 में क्षेत्रीय दलों के सबसे कम विधायक
2014 के चुनाव के बाद रघुवर दास ने सरकार बनाई थी। इस चुनाव में छोटे दलों से आने वाले 8 प्रत्याशी विधायक बने थे। सरकार बनने के कुछ महीने बाद ही झारखंड विकास मोर्चा के कई विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी जाॅइन कर ली थी। 2019 के चुनाव में भी छोटे दलों से कम प्रत्याशी जीतकर आए थे। इस चुनाव में सिर्फ 6 विधायक ही छोटे दलों से थे, इनमें से तीन सरकार के साथ थे, तो 3 विधायक बीजेपी के साथ विपक्ष में बैठे।
ये भी पढ़ेंः विधानसभा चुनावः 81 सीटों के गेम में 9 सीटें बनेंगी गेमचेंजर! झारखंड का ‘हरियाणा’ न हो जाए…