पाव भाजी और समोसे समेत इन 7 देसी फूड का है विदेशी नाता
भारतीय खाने में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें हम देसी समझते हैं, लेकिन उनका इतिहास विदेशों से जुड़ा है। जैसे कि पाव भाजी और समोसे, जो अपने स्वाद और खुशबू से सबका दिल जीत लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सब चीजों का इतिहास विदेशों से जुड़ा है? आइए जानते हैं, इन 7 देसी फूड्स की दिलचस्प कहानी, जो असल में विदेश से आई हैं और आज भारत के हर कोने में बहुत पसंद की जाती हैं।
पाव भाजी
पाव भाजी का पाव शब्द मूलतः पुर्तगाली है, जहां इसे "पांव" कहा जाता था। पुर्तगाली लोग सब्जियों को मैश करके मिर्च-मसाले डालकर इस पांव के साथ खाते थे। भारत आने के बाद इसमें प्याज, लहसुन, और मसाले डालकर इसे और मजेदार बना दिया गया।
गुलाब जामुन
गुलाब जामुन की कहानी तब शुरू हुई जब इसे मुगल सम्राटों ने भारत में पर्शिया से लाया था। पर्शियन शेफ ने इसे मुगलों के लिए बनाया, और भारत में इसे जबरदस्त लोकप्रियता मिली। इसे पहले लुकमा ते अल कदी के नाम से जाना जाता था।
समोसा
मूल रूप से समोसा सेंट्रल एशिया से है, जहां इसे मीट के साथ भरा जाता था। भारत में आने के बाद इसमें आलू और मसालों का उपयोग शुरू हुआ और आज इसे तीखी चटनी के साथ खूब पसंद किया जाता है।
राजमा चावल
राजमा असल में मेक्सिको का है। जब पुर्तगाली व्यापार के दौरान इसे भारत में लाए, तब इसे पंजाब और हरियाणा में भी उगाया जाने लगा और यह यहां की डाइट का हिस्सा बन गया।
हलवा
हलवा शब्द पर्शियन "हलव" से निकला है, जिसका अर्थ है "मीठा"। हलवे का इतिहास भारत और पर्शिया दोनों ही जगहों से जुड़ा है और यह दोनों में से किसी एक का इनोवेशन माना जाता है।
जलेबी
जलेबी का असली नाम "जुलाब" था, जो कि ईरान की मिठाई है। जब यह भारत आई, तो इसे भारतीय स्टाइल में बनाया गया।
इडली
इडली का जन्म भारत में नहीं, बल्कि इंडोनेशिया के एक डिश केडली से हुआ है। पुराने समय में इंडोनेशिया से भारतीय राजाओं के विवाह संबंधों के चलते यह भारत आई। यहां पर धीरे-धीरे यह दक्षिण भारतीय लोगों की फेवरेट डिश बन गई।