International Women Day 2025: पर्यावरण बचाने में इन 5 महिलाओं के अहम किरदार
International Women Day 2025: पर्यावरण की सुरक्षा करना हम इंसानों का ही काम है क्योंकि इसे दूषित भी हम लोग ही करते हैं। सोचिए, अगर हमें साफ पानी, साफ हवा और साफ वातावरण नहीं मिलेगा, तो हमारा जीवन कैसा होगा? शायद बिल्कुल अनहेल्दी। हर साल 8 मार्च को विश्व महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को समर्पित है। औरत के कई स्वरूप होते हैं, जैसे कि मां, बहन, पत्नी और बेटी। मां का दर्जा सबसे ऊपर होता है। मां अपने बच्चों की रक्षा के लिए हर मुश्किल प्रयास करती है। भारत में धरती को भी मां का रूप माना जाता है, हम इसे भारत मां पुकारते हैं। मगर इसकी सुरक्षा नहीं करते हैं। देश की इन 5 महिलाओं ने पर्यावरण को बचाने के लिए अपने-अपने तरीके से ठोस कदम उठाए हैं और आज अपना नाम नेचर डिफेंडर्स की लिस्ट में शामिल किया है। चलिए जानते हैं उन महिलाओं के बारे में।
ये हैं 5 पर्यावरण से प्यार करने वाली महिलाएं
1. वंदना शिवा (Vandana Shiva)- वंदना इंडियन स्कॉलर हैं और एनवायरनमेंटल एक्टिविस्ट हैं। वे पर्यावरण के प्रति, नारियों के अधिकारों पर कई किताबें लिख चुकी हैं। वे वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए कई बड़े बदलावों में अपनी भूमिका अदा कर चुकी हैं। वंदना ने जैविक खेती, अनुवांशिकी इंजीनियरिंग के खिलाफ भी अभियान चलाए हैं।
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2. मेधा पाटकर (Medha Patkar)- मेधा नदी रक्षक मानी जाती हैं। इन्होंने देश के आदिवासियों, दलितों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की फाउंडर भी मेधा पाटकर हैं। पर्यावरण के प्रति जागरूकता और उससे जुड़े मिथकों पर भी इन्होंने कई किताबें लिखी हैं। मेधा ने वर्ष 1980 में विशाल बांध परियोजनाओं के खिलाफ भी आंदोलन किया था।
3. सुनीता नारायण (Sunita Narain)- सुनीता पर्यावरण नीतियों और जन कल्याण योजनाओं के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देती हैं। इन्हें जलवायु योद्धा भी कहा जाता है। सुनीता हरित राजनीति की भी समर्थक हैं। इन्हें भारत की सर्वश्रेष्ठ एनवायरनमेंटलिस्ट माना जाता है। सुनीता साइंस एंड एनवायरनमेंट सेंटर की डायरेक्टर भी हैं।
4. सुगत कुमारी (Sugathakumari)- सुगत भारत की मलयाली भाषा की कवियत्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने केरल में राज्य पर्यावरण और नारिवादी आंदोलनों में बड़ा रोल प्ले किया है। इन्हें साइलेंट वैली एक्टिविस्ट भी कहा जाता है।
5. लतिका ठुकराल (Latika Thukral)- लतिका ठुकराल एक बैंकर थी, जो अब बायोडायवर्सिटी को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने गुरुग्राम में दस लाख देसी पेड़ लगाए हैं। इन्हें अर्बन ग्रीन वॉरियर कहा जाता है। लतिका को साल 2015 में राष्ट्रपति से नारि शक्ति पुरस्कार भी मिल चुका है।
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