Office या Workplace में भूलकर भी न करें ये 9 काम, वरना प्रमोशन रुकना तय
Avoid These Things In Office: लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए काम धंधा करते हैं। कोई अपना काम करता है, तो कोई नौकरी करता है, लेकिन आप देखेंगे, नौकरी करने वाले कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें हमेशा लाइमलाइट में रहना ज्यादा ही पसंद है। ऐसे लोग आपको अपने ऑफिस या वर्कप्लेस पर दिख जाएंगे।
यही नहीं, इन लोगों की सोच ऐसी होती है कि साथ वाले को अपने सामने कुछ भी नहीं समझते हैं। काम करने वाली जगह को हमेशा जिम्मेदारी सोच कर काम करें। आप जिस संस्थान में काम कर रहे हैं वहां किसी को आपकी वजह से परेशानी न हो। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो आपके इन कामों के कारण किसी को दुख हो सकता है। उनके मन में आपके लिए रिस्पेक्ट नहीं रहती है। जी हां, इसलिए जरूरी है कि आप इन कामों को न करें। तो चलिए जान लेते हैं ऑफिस में किन कामों को करने से बचना चाहिए।
घमंड करना
काम में आगे बढ़ने के लिए कंपटीशन जरूरी है लेकिन अपनी योग्यताओं और सफलता को लेकर घमंड लेकर बिल्कुल भी काम नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसे होते हैं जो काम को सही तरीके से नहीं कर पाते हैं, तो ऐसे साथी अपने लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहते है, उनकी हेल्प करें। ज्यादा कंपटीशन करने से आपका ही नुकसान होगा, दूसरों को हरगिज नहीं।
शिष्टाचार में न रहना
अगर आप भद्दे तरीके से कपड़े पहनेंगे, ऑफिस में निजी मामलों पर बात करेंगे, ई-मेल के शिष्टाचार का पालन नहीं करेंगे, वर्कप्लेस पर लोगों पर चिल्लाने, बेकार का मजाक करेंगे तो यह वर्कप्लेस की नैतिकता के खिलाफ है। आपको अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा।
काम न करने के बहाने करना
मुफ्तखोरी वर्कप्लेस पर आपकी गलत इमेज बनाने वाला एक प्रमुख कारण है। आप टीम की उम्मीद के मुताबिक, परफॉर्मेंस नहीं करते और हमेशा इस उम्मीद में रहते हैं कि आपके हिस्से का काम कोई और कर दे। इससे आपके सहकर्मी आपसे नफरत करने लगते हैं। अगर आपको अपने काम से दिलचस्पी नहीं है या आप उसे पसंद नहीं करते हैं तो दूसरे अवसर की तलाश करें। अगर वहीं रहना है तो फिर जितना काम दूसरे करते है, उतना ही काम करना होगा।
दखलअंदाजी करना
दूसरे काम में दखलंदाजी न करें। हर किसी अपना काम अपने ढंग से करने का हक है। जब तक आपकी ड्यूटी उनको सही बताने की न हो तब तक आपको दखलअंदाजी से बचें।
दूसरों को क्रेडिट न देना
अगर आप किसी प्रोफेशनल्स के काम का क्रेडिट अपने नाम ले लेते हैं तो आपको इसके लिए कोई माफ नहीं करेगा। स्मार्ट तरीका तो यह है कि आप अपनी उपलब्धि का क्रेडिट भी टीम को दें। बॉस खुद पता लगा लेगा कि वाकई में किस का कितना योगदान है।
मीटिंग में ज्यादा बोलना
मीटिंग में आप ज्यादा बोलते हैं और दूसरे लोग जल्द वापस जाकर काम करना चाहते है या फिर जरूरी सूचना देने लायक भी अगर आप नहीं बोलते हैं। ये दोनों ही स्थिति गलत है। आपको इसमें संतुलन लाना चाहिए। आपको इतना ही बोलना चाहिए जितने में अपनी बात अच्छी तरह से समझा सकें।
चापलूसी सभी को नहीं पसंद
भले ही आपकी चापलूसी को आपके बॉस पसंद करें लेकिन साथ में काम करने वाले इसको बर्दाश्त नहीं करेंगे। दूसरी तरफ ज्यादा आलोचना करना भी नुकसान हो सकता है। इसलिए बीच का रास्ता अपनाएं।
बहुत ज्यादा बोलना
जरूरत से ज्यादा बात करने वाले लोगों पर कोई भरोसा नहीं करते और उनको पीठ में छुरा घोपने वाला मान लिया जाता है। दूसरी तरफ अगर आप किसी से बिल्कुल बातचीत नहीं करेंगे तो इससे भी लोग आपको सबसे अलग-थलग समझ लेंगे। इसलिए ऑफिस में संतुलित बातचीत करें।
हमेशा दुखड़ा रोते रहना
साथियों के सामने काम में आने वाली दिक्कतों को लेकर अपना दुखड़ा न रोएं। वर्कप्लेस पर हर किसी को अपने हिस्से का काम करना होता है और चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। वर्कप्लेस पर ऐसे लोगों को तरजीह/प्रेफरेंस दी जाती है जो लोगों में एनर्जी को बूस्ट करें।
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