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कौन से सूखे मेवे भिगोएं और कौन से नहीं? जानिए पूरी गाइड

Benefits Of Soaking Dry Fruits: सूखे मेवों को भिगोने के फायदे जानें और जानें कौन से मेवे भिगोने चाहिए और कौन से नहीं। भिगोने से पोषक तत्वों का Absorption बेहतर होता है और पाचन में मदद मिलती है।
08:06 PM Sep 05, 2024 IST | Devansh Shankhdhar
Benefits Of Soaking Dry Fruits
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Benefits Of Soaking Dry Fruits: सूखे मेवे हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत होते हैं। इनसे हमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज मिलते हैं, जो शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ सूखे मेवे भिगोने पर उनके स्वास्थ्य लाभ और भी बढ़ जाते हैं? भिगोने से मेवों के अंदर के एंजाइम एक्टिव हो जाते हैं, जिससे पोषक तत्वों का Absorption बेहतर तरीके से होता है और उनका पाचन आसान हो जाता है।

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वहीं, कुछ मेवे ऐसे भी हैं जिन्हें भिगोने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि वे अपने सूखे रूप में ही ज्यादा लाभकारी होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कौन से सूखे मेवे भिगोने चाहिए, जैसे कि बादाम, अखरोट और किशमिश, और कौन से नहीं, जैसे कि काजू और पिस्ता, ताकि आप इनसे ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकें।

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मेवे को भिगोने के फायदे

भिगोने से सूखे मेवे नरम हो जाते हैं और उनके पोषक तत्व बेहतर तरीके से अब्जॉर्ब होते हैं। इससे पाचन में भी आसानी होती है और उनकी स्वादिष्टता बढ़ जाती है। भिगोने से मेवे में मौजूद एंजाइम्स Active हो जाते हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य लाभ बढ़ जाते हैं।

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बादाम (Almonds)

बादाम सबसे लोकप्रिय सूखे मेवों में से एक हैं। इनमें स्वस्थ वसा, प्रोटीन, और जरूरी विटामिन्स की हाई मात्रा होती है। रातभर पानी में भिगोने से बादाम के एंजाइम सक्रिय होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं और विटामिन E और मैग्नीशियम की उपलब्धता बढ़ाते हैं। भिगोने से फाइटिक एसिड की मात्रा कम हो जाती है, जो खनिजों के Absorption को रोकता है, जिससे पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है। भिगोए हुए बादाम चबाने में भी आसान होते हैं और पाचन के लिए ज्यादा अच्छे होते हैं।

किशमिश (Raisins)

किशमिश सूखे अंगूर होते हैं जो एनर्जी और प्राकृतिक मिठास से भरपूर होते हैं। इन्हें पानी में भिगोने से पाचन में लाभ होता है। भिगोने से किशमिश में दोबारा हाइड्रेशन होता है, जिससे इन्हें पचाना आसान हो जाता है और कब्ज से बचाव होता है। भिगोई हुई किशमिश का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, जो रक्त शर्करा स्तर को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है।

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अखरोट (Walnuts)

अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स, और जरूरी विटामिन्स से भरपूर होते हैं। भिगोने से अखरोट की टैनिन सामग्री कम हो जाती है, जिससे उनका स्वाद कड़वा नहीं रहता और पाचन आसान होता है। भिगोने से फाइटिक एसिड भी Inactive हो जाता है, जिससे जिंक, आयरन, और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों का Absorption बेहतर होता है।

काजू (Cashews)

काजू को भिगोने की जरूरीता नहीं होती। काजू Relatively नरम और आसानी से पचने वाले होते हैं, भले ही वे कच्चे हों। इनमें फाइटिक एसिड की मात्रा कम होती है, इसलिए भिगोने से उनके पोषक तत्वों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता। इसके अलावा, काजू का मलाईदार बनावट सूखे रूप में ही Best रहती है।

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कौन से सूखे मेवे भिगोने की जरूरत नहीं

 

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