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ज्यादा गर्म चाय कॉफी से कैंसर का खतरा, देखें शुरुआती संकेत और बचाव के तरीके

Hot Drink Side Effect: सर्दियों में अगर आप भी ज्यादा गर्म चाय या कॉफी पीते हैं, तो आपके लिए ये खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि ये कैंसर का कारण बन सकते हैं।
02:15 PM Dec 13, 2024 IST | Shivani Jha
Hot Drink Side Effect
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Hot Drink Side Effect: सर्दियों के मौसम में लगभग सभी को गर्म-गर्म चाय या कॉफी पीना काफी पसंद होता है। कई लोग कुछ ज्यादा ही गर्म-गर्म चाय या कॉफी पी लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं ये आदत आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हर रोज ज्यादा गर्म चाय या कॉफी पीने से  मुंह और एसोफैगस में कैंसर तक हो सकता है। विशेषज्ञ शिल्पी अग्रवाल का कहना है कि गर्म  ड्रिंक के कारण इसकी हाई टेंपरेचर हमारी कोशिकाओं के विभाजित होने और खुद को पुनर्जीवित करने के तरीके को प्रभावित कर सकता है और इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

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चाय या कॉफी का तापमान

शिल्पी अग्रवाल ये भी बताती हैं कि गर्म पेय  65 डिग्री सेल्सियस या 149 डिग्री फारेनहाइट से अधिक तापमान वाले ड्रिंक सबसे खतरनाक माने जाते हैं।वह कहती हैं कि ड्रिंक का तापमान मध्यम लेवल पर रखने से कैंसर का खतरा कम हो सकता है। गर्म पेय के अलावा, धूम्रपान, शराब का सेवन और खराब दांत से भी मौखिक और एसोफैगल कैंसर का खतरा बढ़ जाता।

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क्या है ग्रासनली कैंसर?

एसोफैगल कैंसर, एसोफैगस यानी ग्रासनली में होने वाला एक कैंसर है। ये कैंसर, एसोफैगस की अंदरूनी परत में शुरू होता है और बढ़ने के साथ-साथ बाहरी परतों में फैल जाता है। एसोफैगल कैंसर के दो सबसे आम प्रकार होते हैं-

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1. एडेनोकार्सिनोमा-  एडेनोकार्सिनोमा कैंसर, ग्रंथि कोशिकाओं में बनता है। ये कोशिकाएं, ग्रासनली की परत में होती हैं और बलगम से बनाती हैं। आमतौर पर ये  ग्रासनली के निचले हिस्से में, पेट के पास बनता है।

2. स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा:   स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा कैंसर, ग्रासनली के अंदर की पतली कोशिकाओं में बनता है। ये कैंसर, अक्सर ग्रासनली के ऊपरी और मध्य हिस्से में पाया जाता है।

एसोफैगल कैंसर के लक्षण

1. भोजन के साथ दम घुटने की समस्या।

2. खाने  में परेशानी या दर्द।

4. अचानक वजन कम होना।

5. सीने में दर्द या जलन।

6. खांसी या आवाज़ की कर्कशता।

7. छाती में खाना फंसने जैसा फील होना।

ग्रासनली कैंसर से बचाव

1. शराब, धूम्रपान, और तंबाकू का सेवन छोड़ दें।

2. डाइट में फाइबर शामिल करें फाइबर गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स को कंट्रोल करता है और वजन को  कंट्रोल करने में मदद करता है।

3. हल्की गर्म चाय का सेवन करें- चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीमाइक्रोबियल और इम्यूनो स्टीमुलेंट एसोफैगल कैंसर में फायदेमंद हो सकता है।

4. हल्की गर्म कॉफी का सेवन करें- कॉफी में मौजूद कैफीन, साइक्लिन-किनेज-4-कोशिका वृद्धि को दबाता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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