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Intermittent Fasting और Delay Periods का क्या सही में है संबंध? रिसर्च में हुआ ये खुलासा

Intermittent Fasting Side Effects: इंटरमिटेंट फास्टिंग से क्या सही में महिलाओं को पीरियड्स संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? आइए इसके बारे में एक रिसर्च में क्या कहा गया है? जानते हैं।
12:33 PM Aug 13, 2024 IST | Simran Singh
आंतरायिक उपवास के दुष्प्रभाव मासिक धर्म चक्र

Intermittent Fasting Side Effects: "इंटरमिटेंट फास्टिंग" वजन घटाने का एक ऐसा प्रोसेस है जो इन दिनों लोगों के बीच काफी पसंद किया जा रहा है। कई लोग इस ट्रेंड डाइटिंग को अपनी लाइफस्टाइल में अपना रहे हैं। खासतौर पर महिलाएं इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपना रही हैं और ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जो उनकी सेहत पर असर भी डाल रहे हैं। कुछ महिलाओं को मासिक धर्म की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो कोई लो एनर्जी या हार्मोन्स चेंज जैसी समस्या से परेशान हैं। आइए जानते हैं कि रिसर्च में पीरियड्स की देरी के पीछे की वजह क्या सच में इंटरमिटेंट फास्टिंग बताई गई है या नहीं?

क्या होता है इंटरमिटेंट फास्टिंग

ये एक प्रकार की फास्टिंग है जिसे वजन घटाने के लिए सबसे कारगार माना गया है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति एक रेगुलर पीरियड में व्रत और खाना खाने की एक्टिविटी फॉलो करता है। इसमें लोग 16 से 24 घंटों का उपवास करते हैं, जैसे 16 घंटे का फास्ट रखने के बाद लो कैलोरी वाला भोजन खाना, कुछ लोग पूरे 24 घंटों का उपवास करते हैं और एक दिन बिना कैलोरी वाला खाना खाते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग वेटलॉस के लिए तो फायदेमंद है लेकिन ऐसे कई मामले भी सामने आए हैं जिसमें ऐसी फास्टिंग करने से मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग से पीरियड्स पर कैसे असर?

इंटरमिटेंट फास्टिंग से रेगुलर पीरियड न आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि इस फास्टिंग के चलते हाइपोथेलेमस पर असर पड़ता है। हाइपोथेलेमस ब्रेन का एक ऐसा हिस्सा है जो हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है। एक रिसर्च में पाया गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग रिप्रोडक्टिव ऑर्गन को भी इफेक्ट कर सकता है जिससे पीरियड लेट हो सकते हैं।

ये हैं कुछ मुख्य कारण

1. इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान महिलाओं के शरीर में लैप्टिन नामक हार्मोन पर असर पड़ता है जिससे पीरियड्स साइकिल इफेक्ट हो सकता है।

2. इंसुलिन और कोर्टिसोल रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए जरूरी कारक है, इंटरमिटेंट फास्टिंग से इन दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिसके चलते पीरियड डिसबैलेंस हो सकते हैं।

3. इंटरमिटेंट फास्टिंग से महिलाओं का वजन तेजी से घटता है, इससे भी पीरियड साइकिल डिस्टर्ब हो जाता है।

क्या महिलाओं को नहीं करनी चाहिए इंटरमिटेंट फास्टिंग?

हालांकि, कई महिलाओं के लिए ये फायदेमंद भी रहा है लेकिन जब भी आप ऐसा कुछ प्लान करें तो उससे पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। हर किसी के शरीर पर इसका अलग असर पड़ता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के साथ-साथ हेल्दी रहने के लिए ये टिप्स फॉलो करें।

1. इंटरमिटेंट फास्टिंग वाले लोग अपनी डाइट में नट्स और सीड्स को शामिल कर सकते हैं, इनके सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होगी।

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2. फास्टिंग के दौरान शरीर का हाइड्रेशन मेंटेन रखें, सही मात्रा में पानी जरूर पीएं।

3. आप इस दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स ड्रिंक्स जैसे नारियल पानी का भी सेवन कर सकते हैं।

4. अच्छी और हेल्दी डाइट खाएं जिसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स हो।

5. बाहर का या पैक्ड फूड्स का सेवन न करें, मीठा खाने से परहेज भी फायदेमंद रहेगा।

6. कभी भी फास्टिंग शुरू करें तो लंबे समय तक इसे फॉलो न करें। पहले 1-2 दिन का ट्रायल लें जिससे आप अपने शरीर की क्षमता को समझ पाए।

7. पीरियड्स के समय फास्टिंग करना अवॉइड करें। खानपान का खास ध्यान रखें।

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