8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस? बड़ी दिलचस्प है कहानी
International Women Day History And Theme: महिलाएं दुनिया की आधी आबादी का हिस्सा हैं और आज के समय में वे किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं। यह दिन स्पेशली उन महिलाओं और उनसे जुड़े हुए मुद्दों पर आधारित हैं। हर साल इस दिन को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कैसे इस दिन की शुरुआत हुई और इसे 8 मार्च को ही क्यों सेलिब्रेट करते हैं। अगर आप इन बातों से अनजान हैं, तो आपको आज बताते हैं कि महिला दिवस से जुड़ी सभी जरूरी बातें-
हमारे समाज की उन्नति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का माना जाता है, उतना ही महिलाओं का भी है, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं महिलाओं को आज भी पुरुषों से कम आंका जाता है। किसी न किसी मोड़ पर महिलाओं को ये जताया जाता है कि वो ये काम नहीं कर सकती हैं, बस पुरुष ही कर सकते हैं।
महिला दिवस की हिस्ट्री
महिला दिवस को सेलिब्रेट करने के पीछे न्यूयॉर्क में हुई एक रैली की अहम भूमिका मानी जाती है। दरअसल, न्यूयॉर्क में 12 से लेकर 15 हजार महिलाओं ने एक रैली आयोजित की थी। रैली करने का मकसद इन महिलाओं की मांग थी कि जॉब के कुछ घंटे कम करने के साथ-साथ सैलरी भी उनके काम के मुताबिक मिले। इसके अलावा उन्हें वोट देने का भी समान अधिकार मिले। इस अभियान के एक साल बाद अमेरिका के सोशलिस्ट पार्टी ने पहले नेशनल वीमेन डे की घोषणा की थी।
इसके बाद में साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, जर्मनी में पहला इंटरनेशनल वुमन डे सेलिब्रेट किया गया था। इसके बाद 8 मार्च, 1975 को यूएन ने महिला दिवस को ऑफिशियल तौर पर मान्यता दे दी थी।
महिला दिवस मनाने का मकसद
इस दिन को मनाने का मोटिव है समाज में महिलाओं को उनका हक बराबर दिलाना है और साथ ही किसी भी फील्ड में महिलाओं के साथ होने वाला पक्षपात को रोक लगाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के कई कार्यक्रम और कैंपेन भी रखे जाते हैं।
क्या है महिला दिवस 2024 की थीम
हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम तय की जाती है और साल 2024 की इस बार की थीम है- Inspire Inclusion। जिसका मतलब है एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को समान हक और रिस्पेक्ट मिले।
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