होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

पीरियड्स लेट होने की वजह हर वक्त प्रेग्नेंसी नहीं, यह इस बीमारी के संकेत

Irregular Periods Remedies: क्या आपको पता है कि ज्यादा तनाव लेने से आपके पीरियड्स देर से आ सकते हैं? तनाव हमारे शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे, तो यह हमारे पीरियड्स पर असर डाल सकता है।
12:56 PM Mar 12, 2025 IST | News24 हिंदी
featuredImage featuredImage
Advertisement

Irregular Periods Remedies: महिलाओं के मासिक धर्म (पीरियड्स) का लेट या अनियमित होना हमेशा प्रेग्नेंसी नहीं होता। कई बार इसके पीछे दूसरी वजह भी हो सकती हैं, जिनका समय रहते ध्यान देना जरूरी है। हार्मोनल असंतुलन, तनाव, खराब लाइफस्टाइल,पोषण की कमी,अचानक वजन बढ़ना-घटना जैसी कई वजह पीरियड्स के अनियमित होने का कारण बन सकती हैं।

Advertisement

HT लाइफस्टाइल को दिए इंटरव्यू में गर्भगुड़ी आईवीएफ की कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका रानी ने बताया, थोड़े समय के लिए होने वाला तनाव, जैसे एक्सरसाइज की स्पीड और टाइम बढ़ाना, हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। तनाव दो तरह का होता है, एक जो कुछ समय के लिए होता है और दूसरा  जो लंबे समय तक बना रहता है। आमतौर पर लंबे समय तक रहने वाला नकारात्मक तनाव हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है और पीरियड्स को भी प्रभावित कर सकता है। आज हम आपको बताने जा जा रहे हैं कि किन बीमारियों की वजह से पीरियड्स लेट हो सकते हैं और इससे बचाव के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए।

तनाव पीरियड्स को कैसे प्रभावित करता है?

कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका रानी के अनुसार लगातार काम का दबाव, वित्तीय समस्याएं या किसी दुसरे चिंता के कारण अगर तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो यह हमारे हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकता है। इससे पीरियड्स समय पर नहीं आते, ज्यादा या कम ब्लीडिंग हो सकती है और दर्द भी बढ़ सकता है।

तनाव के कारण हार्मोनल असंतुलन

तनाव के कारण शरीर में "कोर्टिसोल" नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे पीरियड्स नियंत्रित करने वाले हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। कई मामलों में, इससे ओव्यूलेशन (अंडाणु निकलने की प्रक्रिया) में देरी हो सकती है या यह पूरी तरह रुक सकता है।

Advertisement

किन महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है?

विशेष रूप से 25-35 साल की उम्र की महिलाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। देर रात तक काम करना, बिजी दिनचर्या, व्यायाम की कमी और अनहेल्दी खान-पान इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं।

तनाव कम करने के लिए क्या करें?

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

ये भी पढ़ें -Skin Care Tips: कैसे पहचाने किस टाइप की है आपकी स्किन? अपनाएं ये आसान तरीके

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

Open in App
Advertisement
Tags :
health tipslifestyle news
Advertisement
Advertisement