Advertisement

काम की वजह से जीवन में नहीं बन रहा बैलेंस, इन 5 प्वाइंट्स में हल होगी मुश्किल

Lifestyle: पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाने के लिए कई ऐसी चीजें होती हैं जिसको हम कर सकते हैं लेकिन झिझक के चलते कर नहीं पाते हैं। इसमें किसी के प्रेशर में आकर किसी काम के लिए मना नहीं करना भी एक कारण हैं।

Lifestyle: मानव शरीर है कोई मशीन नहीं है, जिसको आराम की जरूरत नहीं होती है। लेकिन इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तो मशीन भी काम का प्रेशर नहीं झेल पा रही है। कुछ दिन पहले ही एक खबर सामने आई कि एक रोबोट ने काम के प्रेशर में आकर आत्महत्या करने कर ली। इस तरह की खबर काफी चौंकाने वाली थी। सवाल ये उठता है कि पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में किस तरह से तालमेल बैठाया जाए। इसके लिए आज हम लेकर आए कुछ ऐसे प्वाइंट्स जिनको अपनी जिंदगी में अमल में लाकर आप अपनी जिंदगी आसान बना सकते हैं।

कैसे बैठाएं तालमेल?

आज की तेज-तर्रार जिंदगी में बेलेंस बनाकर चलना काफी मुश्किल होता है। जब हम काम नहींकर रहे होते हैं तब भी हम अक्सर अपने काम से जुड़ी चीजों में उलझे रहते हैं। जिसमें लगातार ईमेल चेक करते हैं, कॉल लेते हैं और मैसेजिस का जवाब देते हैं। यह निरंतर कनेक्टिविटी एक लत बन जाती है। इससे पर्सनल और प्रोफेशनल जीवन पर असर पड़ता है।

टाइम से ज्यादा ना करें काम

आमतौर पर देखा जाता है कि लोग अपनी शिफ्ट से ज्यादा काम करते हैं, जोकि आपके लिए बहुत अच्छा नहीं माना जाता है। अगर किसी दिन काम ज्यादा है तो कर सकते हैं लेकिन रोज इसको अपनी आदत नहीं बनानी चाहिए। मान लीजिए आपके काम करने का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक है तो आप ये देखें कि इन्हीं घंटों में आप पूरी ईमानदारी के साथ काम करें। अगर रोज ज्यादा देर तक रुक कर काम करेंगे तो आपके साथियों को आपसे रोज इसी तरह की उम्मीद होने लगेगी।

ये भी पढ़ें... Mental Health के लिए बहुत अहम है Lifestyle; ये 5 बदलाव दिमाग को रखेंगे हेल्दी

ना कहना भी जरूरी

किसी भी नई जगह पर जाकर हम एक दमसे एडजस्ट नहीं हो पाते हैं। कई बार सभी के साथ एक दिक्कत सामने आती है, जो है "ना" नहीं कह पाना। ना कहना किसी तरह से आपको बुरा नहीं दिखाता है। बल्कि, इससे या साफ होता है कि आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ साथ अपने बारे में भी सोच रहे है।

अपने बोझ को समझें

एक समय तक हमको अपने ऊपर पढ़ रहे बोझ का एहसास नहीं होता है। चाहें वो घर के काम की वजह से हो या फिर दफ्तर के। शुरुआत में शरीर में कई बदलाव देखने को मिलते हैं, जिसमें थकान, शरीर में दर्द, बार-बार सिरदर्द, छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा तनाव और चिंता या हताशा रहती है। इस तरह के के लक्षण रोज दिखने लगें तो तुरंत खुद को थोड़ा हल्का करने के लिए काम बांट लें। ऑफिस में काम करने के तरीके को बदलें, साथ ही घर पर भी बदलाव लाएं।

बीच बीच में लें छुट्टियां

प्रोफेशनली सभी को साल भर के लिए कुछ छुट्टियां दी जाती हैं। कुछ लोग साल भर काम करते हैं और एक साथ छुट्टियां ले लेते हैं। इस तरह से छुट्टियां लेने से कोई फायदा नहीं होता है। सही तरीका ये होता है कि आप छुट्टियों को समय समय पर लेते रहें। इसके अलावा जो वीक ऑफ होता है उसमें इस बात का ध्यान रखें कि उस दिन आप काम से पूरी तरह से अलग रहें। वो दिन पूरी तरह से आप अपनी फैमिली के लिए रखें। इस तरह से घर और ऑफिस के बीच आप बैलेंस बना पाएंगे।

Open in App
Tags :