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Mathura Holi 2025: मथुरा-वृंदावन में 40 दिन पहले होली की धूम, जानें इन 10 मंदिरों में पहुंचने का रास्ता

Mathura Holi 2025: मथुरा-वृंदावन में होली की शुरुआत हो चुकी है और अगर आप ब्रज की होली खेलना चाहते हैं तो आइए जानते हैं दिल्ली एनसीआर से कैसे और कितनी देर में मथुरा-वृंदावन पहुंच सकते हैं।
11:53 AM Feb 05, 2025 IST | News24 हिंदी
mathura holi 2025  मथुरा वृंदावन में 40 दिन पहले होली की धूम  जानें इन 10 मंदिरों में पहुंचने का रास्ता
मथुरा-वृंदावन होली

Mathura Holi 2025: होली शुरू होने में भले ही अभी 40 दिन का वक्त हो, लेकिन ब्रज में अभी से ही होली की धूम मचने लगी है। धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से, ब्रज में आज ही के दिन से होली के पर्व की शुरुआत हो जाती है, और यहां के सभी प्रमुख मंदिरों में गुलाल उड़ने लगता है। मथुरा-वृंदावन के मंदिरों में भक्त उल्लास के साथ इस उत्सव का आनंद लेते हैं। खासतौर पर बांके बिहारी मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर और प्रेम मंदिर में होली का नजारा देखने लायक होता है। दिल्ली-एनसीआर से मथुरा-वृंदावन की यात्रा न सिर्फ धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी अनमोल अनुभव देती है। यह यात्रा आपको भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि में ले जाती है, जहां की हर गली, मंदिर और घाट उनकी दिव्य कहानियों से जुड़े हुए हैं। यहां की रंगों से रंगी होली दुनिया भर में मशहूर है, जिसे देखने के लिए हजारों श्रद्धालु और पर्यटक हर साल यहां आते हैं।

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1) कैसे पहुंचे? (How to Reach)

दिल्ली-एनसीआर से मथुरा और वृंदावन आसानी से पहुंचा जा सकता है।

  • सड़क मार्ग: दिल्ली से मथुरा की दूरी लगभग 161 किलोमीटर है, जिसे आप यमुना एक्सप्रेसवे से 3-4 घंटे में तय कर सकते हैं।
  • रेल मार्ग: मथुरा जंक्शन एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जहां दिल्ली से कई ट्रेनें मिलती हैं, जो लगभग 145 किलोमीटर है
  • बस सेवा: दिल्ली से यूपी रोडवेज और निजी बसें भी चलती हैं। जिससे आपको वहां पहुंचनें में 2-3 घंटे लगेंगे।
  • हवाई मार्ग: नजदिकी हवाई अड्डा आगरा में स्थित है, लेकिन दिल्ली से सड़क मार्ग ही सबसे सुविधाजनक विकल्प है।

2) मथुरा के प्रमुख देखने लायक स्थान (Main Attractions of Mathura)

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  • श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर: यह जगह भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान के रूप में मशहूर है। यहां का गर्भगृह वह जगह मानी जाती है, जहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
  • द्वारकाधीश मंदिर: यह मथुरा के सबसे भव्य मंदिरों में से एक है। यहां भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक मूर्ति स्थापित है। मंदिर में खासतौर पर जन्माष्टमी और होली के समय भव्य आयोजन होते हैं।
  • विश्राम घाट: यह घाट यमुना नदी के किनारे स्थित है और माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने कंस वध के बाद यहां विश्राम किया था। यहां शाम को होने वाली यमुना आरती बेहद आकर्षक होती है।
  • गोकुल: मथुरा से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोकुल वह जगह है, जहां नंद बाबा और यशोदा माता ने श्रीकृष्ण का लालन-पालन किया था। यहां नंद भवन और चौरासी खंभा मंदिर देखने लायक जगह हैं।

3) वृंदावन के प्रमुख मंदिर और देखने लायक स्थान (Main Attraction of Vrindavan)

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  • बांके बिहारी मंदिर: वृंदावन का सबसे मशहूर मंदिर, जहां भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर अपनी खास आरती और होली उत्सव के लिए मशहूर है।
  • प्रेम मंदिर: यह हाल ही में बना एक सुंदर संगमरमर का मंदिर है, जो रात में रोशनी से जगमगा उठता है। मंदिर में श्रीकृष्ण और राधा की अलग-अलग लीलाओं को दिखाया गया है।
  • इस्कॉन मंदिर: यह मंदिर श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है। यहां हर रोज़ भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
  • निधिवन: निधिवन को श्रीकृष्ण और राधा की रासलीला करने की जगह माना जाता है। कहा जाता है कि रात के समय यहां दिव्य घटनाएं होती हैं, इसलिए इसे सूर्यास्त के बाद बंद कर दिया जाता है।
  • राधा रमण मंदिर: यह मंदिर राधा-कृष्ण की दिव्य भक्ति का अद्भुत केंद्र है। इसे श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी ने स्थापित किया था।
  • केशी घाट: यहां श्रीकृष्ण ने केशी नामक राक्षस का वध किया था। इस घाट पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मोहित करने वाली यमुना आरती होती है।

4) क्या करें और क्या न करें? (Do's and Don'ts)

  • मंदिरों में दर्शन के समय संयम और मर्यादा बनाए रखें।
  • होली और जन्माष्टमी के समय यहां की यात्रा करने से पहले होटल बुकिंग कर लें।
  • लोकल बाजारों में खरीदारी करें, जैसे कि गुलाल, राधा-कृष्ण की मूर्तियां और प्रसाद।
  • निधिवन और दुसरी धार्मिक जगहों पर अनुशासन का पालन करें।
    ट्रैफिक और भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी निकलें।

दिल्ली-एनसीआर से मथुरा-वृंदावन की यात्रा आध्यात्मिक शांति और भक्ति से भरपूर होती है। यह जगह न केवल कृष्ण भक्तों के लिए बल्कि इतिहास और संस्कृति प्रेमियों के लिए भी एक अनोखा अनुभव देती है। अगर आप धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जगह घूमने के शौकीन हैं, तो यह यात्रा आपके लिए यादगार होगी।

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