'कृषि विद्यार्थी किसानों की खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान करें', दीक्षांत समारोह में बोले MP राज्यपाल पटेल
Gramodaya University Convocation: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल बुधवार को चित्रकूट प्रवास पर रहे। सुबह कामतानाथ स्वामी के दर्शन किए। इसके बाद ग्रामोदय विवि के दीक्षांत समारोह में 32 टॉपर्स स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल और 26 शोधार्थियों को उपाधि बांटी।
विवि के 610 विद्यार्थियों को इस दौरान डिग्री बांटी गईं। विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, पहले दीक्षांत समारोह ऐसे होते थे, जैसे भारत नहीं बल्कि विदेश में हो रहें हों। भारतीयता का यह स्वरूप लुभाने वाला है। भारतीय मूल्य उच्च शिक्षा के मूल में रहें, यही नानाजी का चिंतन था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने अनुप्राणित शिक्षा व्यवस्था दी है।
मध्य प्रदेश इसे लागू करने वाला पहला राज्य बना। इसमें ग्रामोदय विवि का भी महत्वपूर्ण स्थान है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अधिकांश प्रावधान ग्रामोदय में तीन दशक पहले लागू हैं। उपाधि धारकों से नानाजी के आदर्शों को समाज में ले जाने की पैरवी की।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने चित्रकूट में कामता नाथ प्राचीन मुखारबिंद के दर्शन कर पूजा अर्चना की। इस दौरान डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन, कुलगुरु भरत मिश्रा, रीवा कमिश्नर बीएस जामोद, आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार, कलेक्टर अनुराग वर्मा, एसपी आशुतोष गुप्ता और एसडीएम जितेंद्र वर्मा भी मौजूद रहे।
राज्यपाल पटेल ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत और “वोकल फॉर लोकल” की दिशा में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों में उद्यमों की संभावनाओं को पहचानने में विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करना चाहिए। साथ ही नए विचारों व नवाचारों के द्वारा सामान्य किसानों को उत्पादक से उद्यमी बनाने के प्रयास करने की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को किसानों की बुद्धिमत्ता और कृषि प्रोफेशनल्स के कौशल के बीच की साझेदारी का मंच बनकर सबके साथ, सबके विकास व सबके विश्वास की अवधारणा के साथ कृषि के विकास में सहयोग करने के लिये आगे आना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कृषि की अनेक उपलब्धियों के बाबजूद कृषि जोतों का घटता आकार, जलवायु परिवर्तन, तापमान में वृद्धि और प्राकृतिक संसाधनों का लगातार क्षरण अभी भी खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए चुनौती बने हुए हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिये किसानों को सक्षम बनाना होगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर अनुसंधान और प्रयास करने की जरूरत होगी।
कुलपति ने बताई उपलब्धियां
कुलगुरू प्रो भरत मिश्रा ने प्रगति रिपोर्ट पढ़ी। कहा, वर्तमान में शिक्षा, शोध, प्रसार और प्रशिक्षण के परम्परागत आयामों के साथ संसाधन सृजन का नया आयाम जुड़ा है। विद्यार्थियों की रचनात्मक सक्रियता का जीवन्त प्रमाण यह ग्राम दर्शन प्रकल्प है। प्रो मिश्रा ने विवि में प्रारम्भ किए जा रहे नवीन पाठ्यक्रमों, नवीन संरचनाओं, विद्यार्थियों और छात्रों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
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