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अंकिता राठौर और हसनैन अंसारी की शादी कल नहीं होगी, जानें क्या है मामला और हाईकोर्ट कैसे पहुंचा?

Jabalpur Love Jihad Case: कल 12 नवंबर को अंकिता राठौड़ और हसनैन अंसारी की शादी नहीं होगी। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। वहीं इस शादी के होने से हिंदूवादी संगठनों और अंकिता के परिवार को ऐतराज है। आइए पूरा मामला जानते हैं...
09:47 AM Nov 09, 2024 IST | Khushbu Goyal
Ankita Rathore, Hasnain Ansari
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Ankita Rathore Hasnain Ansari Marriage Controversy: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित अंकिता राठौर और हसनैन अंसारी लव जिहाद केस में नया मोड़ आ गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दोनों की 12 नवंबर को होने वाली शादी पर रोक लगा दी है। डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर भी स्टे लगाया है। साथ ही हसनैन अंसारी, राज्य सरकार और जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।

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हाईकोर्ट ने कहा कि यह मामला पहले ही सिंगल बेंच की बजाय डिवीजन बेंच को भेजा जाना चाहिए था। फिलहाल शादी नहीं होगी और जल्द से जल्द जवाब सबमित किया जाए। जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस विनय जैन ने यह आदेश दिया। इस तरह यह शादी खटाई में पड़ गई है।

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सिंगल बेंच ने यह फैसला दिया था

बता दें कि अंकिता-हसनैन ने शादी के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय में आवेदन दिया। इस शादी की खबर बाहर आते ही देशभर के हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों ने कड़ा विरोध जताया और हाईकोर्ट में याचिका जारी करके शादी की परमिशन नहीं देने की मांग की। वहीं विरोध और बवाल को देखते हुए अंकिता-हसनैन ने भी शादी करने की परमिशन मांगते हुए याचिका दायर की।

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दोनों याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 22 अक्टूबर को जस्टिस विशाल धगत की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया। उन्होंने पुलिस को हसनैन अंसारी को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया। अंकिता को मां-बाप से दूर नारी निकेतन में अकेले रखने का आदेश दिया। साथ ही अंकिता से किसी को नहीं मिलने देने का निर्देश भी पुलिस को दिया।

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अंकिता के पिता ने भी पेश की दलील

सिंगल बेंच के इस आदेश के खिलाफ अंकिता-हसनैन ने डबल बेंच को याचिका देकर 12 नवंबर को शादी करने की परमिशन मांगी। जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस विनय जैन ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया और 12 नवंबर को शादी पर रोक लगा दी। साथ ही सिंगल बेंच के फैसले पर भी स्टे लगा दिया। अंकिता के पिता वकील अशोक लालवानी ने भी कोर्ट में दलील दी कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत हिंदू-मुस्लिम विवाह धर्मांतरण के बिना आगे नहीं बढ़ सकता।

अपनी बात रखते हुए अशोक लालवानी ने लव जिहाद के एक और केस का हवाला दिया। मई 2023 में हाइकोर्ट के जस्टिस आहलूवालिया ने ही एक केस में फैसला दिया था। उन्होंने अपने आदेश में कहा था कि धर्म परिवर्तन किए बिना हिंदू-मुस्लिम शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्य नहीं है। शादी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जाएगा। शादी के बाद लड़की धर्म भी नहीं बदल सकती है। इस दलील के आधार पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अंकिता के केस में फैसला लिया।

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क्या है पूरा मामला?

बता दें कि इंदौर की रहने वाली अंकिता राठौर और जबलपुर के सिहोरा के रहने वाले हसनैन अंसारी एक दूसरे से प्यार करते हैं। दोनों ने 12 नवंबर को शादी करने के लिए आवेदन दिया था, जिसका हिंदूवादी संगठनों और लड़की के परिवार ने विरोध जताया। संगठनों ने कई विवादित बयान दिए। विवाद बढ़ता देखकर हसनैन अंसारी ने शादी की अनुमति के लिए कोर्ट की शरण ली। 4 अक्टूबर 2024 को शादी की परमिशन के लिए याचिका दायर की गई।

7 अक्टूबर को शादी के लिए अप्लाई किया गया और 12 नवंबर की तारीख मिली। 16 अक्टूबर को शादी का नोटिस वायरल हुआ और अंकिता के परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत पुलिस को दी। 20 अक्टूबर को हैदराबाद के विधायक राजा ने एक वीडियो जारी करके शादी का विरोध जताते हुए धमकी दी। 21 अक्टूबर को शादी के विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने बंद बुलाया। 22 अक्टूबर को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाया। 8 नवंबर 2024 को डबल बेंच ने फैसला सुनाया और शादी पर रोक लगा दी।

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Tags :
love jihadLove Jihad CaseMadhya Pradesh High Court
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