छिंदवाड़ा सीट पर आपस में भिड़ी भाजपा और कांग्रेस, CM ने क्यों इस जगह को बताया गुलाम
BJP and Congress Clashed on Chhindwara Seat: मध्य प्रदेश में इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच खींचतान जारी है। राज्य की कुछ सीटें ऐसी हैं जिस पर हॉट इलेक्शन सीट टैग लगा हुआ है। ऐसी एक छिंदवाड़ा लोकसभा सीट है, जिसे कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। यह सीट भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती भी है। इसलिए भाजपा का इस सीट पर खास फोकस है। छिंदवाड़ा में भाजपा के सभी बड़े नेता एक-एक करके दौरे पर आ रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस बयान को लेकर भी बहस जारी है, जिसमें उन्होंने छिंदवाड़ा को गुलाम बताया था।
छिंदवाड़ा पर भिड़ी भाजपा और कांग्रेस
दरअसल सीएम मोहन यादव ने छिंदवाड़ा दौरे के दौरान कहा था कि कांग्रेस ने सालों से छिंदवाड़ा को गुलाम बना रखा है। सीएम मोहन यादव ने कहा कि जिस तरह कांग्रेस सिर्फ एक ही परिवार की जागीर बनकर रह गई है, उसी तरह से छिंदवाड़ा को भी एक ही परिवार ने अपनी गुलामी की जंजीरों में जकड़ रखा है। अब छिंदवाड़ा की जनता समझदार हो गई है। वह अपना अच्छा क्या है और बुरा क्या है सब जानती है। सीएम मोहन यादव ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कहते हैं कि वो छिंदवाड़ा में 45 सालों से तपस्या कर रहे हैं, लेकिन वे छिंदवाड़ा के लिए तपस्या नहीं कर रहे हैं, बल्कि वो तो यहां के लिए समस्या बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस तो हमेशा से झूठ बोलकर ही राज करती रही है। झूठ बोलना तो इनके खून में ही शामिल है। सीएम के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश मीडिया सलाहकार केके मिश्रा की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।
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गुलामी के खिलाफ लड़ाई
केके मिश्रा ने कहा कि भाजपा को यह बात समझनी होगी कि छिंदवाड़ा आरएसएस का गढ़ नागपुर नहीं है। रहीं बात गुलामी की तो भाजपा को इस तरह की बातें शोभा नहीं देती। उन्होंने भाजपा की छिंदवाड़ा को गुलामी वाली बात पर कहा कि बीजेपी के नेताओं ने अंग्रेजों से गुलामी के खिलाफ लड़ाई न करते हुए उनकी सहायता की। वो क्या आजादी की बात करेंगे।