'भारत प्राचीनकाल से ही वैश्विक स्तर पर रहा है शिक्षा का मुख्य केन्द्र', बोले MP मुख्यमंत्री मोहन यादव
CM Mohan Yadav In 17th AUAP Conference: मुख्यमंत्री यादव ने होटल ताज में एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक के 17वें सम्मेलन को संबोधित किया। मुख्यमंत्री यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि भारत का अतीत गौरवशाली रहा है और भारत प्राचीनकाल से ही ग्लोबल लेवल पर उच्च शिक्षा का मुख्य केन्द्र रहा।
कई देशों के विद्यार्थियों, राजकुमारों ने तक्षशिला, नालंदा जैसे भारत के विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण की। लेकिन ऐतिहासिक रूप से हमें ऐसा कोई उल्लेख प्राप्त नहीं होता, जिसमें भारत में शिक्षा ग्रहण किए किसी व्यक्ति अथवा सत्ताधीश ने अन्य राज्य पर आक्रमण किया हो।
यह तथ्य प्राचीन काल से चली आ रही हमारी शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ जीवन मूल्यों और नैतिक मूल्यों को दर्शाता है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि उच्च शिक्षा का बदलता स्वरूप और हमारे जीवन मूल्य विषय पर आयोजित यह सम्मेलन सम-सामयिक महत्व का है। अतीत से लेकर वर्तमान तक की कई घटनाएं जीवन मूल्यों के प्रति दृष्टिकोण की भिन्नता के परिणाम स्वरूप ही घटित हुईं।
रामायण काल में रावण हो या महाभारत काल में कौरव, योग्यता और क्षमता में कोई भी कम नहीं था, लेकिन उनके जीवन मूल्य और नैतिक मूल्य उचित नहीं थे, इसी कारण उन्हें कभी सम्मान नहीं मिला और वे समाज में तथा इतिहास में सदैव नकारे गए। कर्ण की योग्यता अद्भुत थी, लेकिन उनकी दृष्टि, प्रतिशोध, जिद और नकारात्मक भाव ने उन्हें पतन की ओर अग्रसर किया।
इसी प्रकार के उदाहरण हमें सोने की लंका बनाने वाले रावण के भी प्राप्त होते हैं। सभी प्रकार के वैभव और सामर्थ्य होने के बाद भी वे कभी स्वीकारे नहीं गए और नैतिक मूल्यों के आधार पर ही वनवासी श्रीराम ने उन्हें परास्त किया। दरअसल, यह नैतिक मूल्यों और जीवन मूल्यों की ही विजय थी।
नई शिक्षा नीति के जरिए लागू हुए कई इनोवेशन
मुख्यमंत्री यादव ने रूस-यूक्रेन युद्ध और इजराइल के संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे आदर्शों और जीवन मूल्यों का ही परिणाम है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन संघर्षों में भी शांति के लिए प्रयास करते दिखाई देते हैं। यह भारतीय जीवन मूल्यों के सामर्थ्य को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि साल 2020 से लागू नई शिक्षा नीति के माध्यम से पढ़ने और सीखने के प्रोसेस को अधिक लचीला, सरल और रूचिपूर्ण बनाते हुए विद्यार्थियों को अलग-अलग संकायों के विषयों के अध्ययन की सुविधा प्रदान की गई है।
स्टडी प्रोसेस को आयु के बंधन से मुक्त करते हुए क्रेडिट प्रदान करने जैसे इनोवेशन भी प्रदेश में किए गए हैं। मुख्यमंत्री यादव ने एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक को मध्य प्रदेश में अपनी गतिविधियों के विस्तार के लिए आमंत्रित किया।
ग्लोबल लेवल की एजुकेशन देश में ही होगी उपलब्ध
जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर हरिमोहन गुप्ता ने बताया कि 35 देशों में फैले एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक का सम्मेलन भारत में पहली बार हो रहा है। एसोसिएशन मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा और कौशल विकास पर केन्द्रित वैश्विक संस्थाओं की स्थापना कर विद्यार्थियों को ग्लोबल लेवल की शिक्षा देश में ही उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, शिक्षाविद अनूप स्वरूप और अलग-अलग विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि तथा सब्जेक्ट एक्सपर्ट मौजूद थे।
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