मध्य प्रदेश के '50वें खजुराहो नृत्य समारोह' का समापन, जानें 7 दिन किस तरह संगीत के 7 सुर उत्सव में खिले?
50th Khajuraho Dance Festival: मध्य प्रदेश का '50वां खजुराहो नृत्य समारोह' सोमवार को अपने अंजाम तक पहुंच गया। इस समारोह के चलते खजुराहो में 7 दिनों तक नृत्य-कलाओं के सतरंगी सिलसिला चलता रहा। कला और संगीत की जुबान में कहे तो इन सात दिनों में मानो संगीत के सातों सुर खिल उठे थे।
'50वां खजुराहो नृत्य समारोह' का समापन
'50वां खजुराहो नृत्य समारोह' का समापन उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी के डायरेक्टर जयंत माधव भिसे के आभार भाषण के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि यह समारोह एक सांस्कृतिक अनुष्ठान या यज्ञ है। इसमें कोई शख्स अपने लेवल पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आहुति दे सकता है। यह समारोह सहयोग स्तुत्य है और उसी की वजह से यह आयोजन सफल हुआ। इसके साथ ही उन्होंने इस सांस्कृतिक यात्रा को एक बड़ी ऊंचाइयों पर बनाए रखने का निवेदन भी किया।
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कैसा रहा आखिरी दिन
'50वां खजुराहो नृत्य समारोह' के आखिरी दिन पद्म विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह से लेकर अनुराधा सिंह तक सभी कलाकारों ने अद्भुत प्रस्तुति दी। समारोह की शुरुआत विख्यात भरतनाट्यम और ओडिसी नृत्यांगना डॉ. सोनल मानसिंह के समूह की नृत्य से हुई। इसके बाद बैंगलोर से आईं विदुषी डॉ. राजश्री वारियार ने भरतनाट्यम नृत्य शानदार प्रदर्शन दिया। इसके बाद भोपाल की डॉ. यास्मीन सिंह का मनोहारी कथक नृत्य ने सभी का दिल जीत लिया। यास्मीन सिंह ने सूर्य वंदना के अपने डांस की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने राम की रावण पर विजय भाव को भी अपने नृत्य से दिखाया।
खिल उठे संगीत के 7 सुर
वहीं, '50वां खजुराहो नृत्य समारोह' में नृत्य के साथ-साथ संगीत का भी शानदार परफोर्मेंस देखने मिली, जिसमें श्रीयंका माली, विश्वजीत चक्रवर्ती, संदीप सरकार, सुब्रतो पंडित, नील जैनिफर, अभिषिकता मुखोपाध्याय, संगीता दस्तीकार, प्रसनजीत, जयवर्धन दाधीच, आशीष गंगानी, शाहनवाज, एलिशा दीप गर्ग, आमिर खान और किशन कथक जैसे महान संगीतकार और गायक शामिल हैं।