मध्य प्रदेश में दौड़ेंगी ई-बसें, सिंचाई योजनाओं का होगा विस्तार, जानें दोनों पर यादव सरकार ने क्या फैसला लिया?
Madhya Pradesh PM E-Bus Scheme: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव तेजी के साथ राज्य में विकास के लिए काम कर रहे हैं। सीएम मोहन यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई। इस बैठक में कैबिनेट ने कई अहम फैसले लिए हैं। सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पीएम ई-बस योजना के तहत राज्य के 6 नगरीय निकायों में 552 ई-बसों के संचालन का अनुमोदन किया है।
इन नगरीय निकायों में दौड़ेंगी ई-बसें
कैबिनेट का कहना है कि शहरों में सिटी बस सेवाओं के बुनियादी ढांचे के विस्तार और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए ई-बस का संचालन बेहद जरूरी है। पीएम ई-बस योजना के तहत राज्य के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर में 552 शहरी ई-बसों का संचालन किया जाएगा, जो पीपीपी मॉडल के आधार पर होगा। बैठक में कैबिनेट ने इस योजना में पेमेंट सिक्योरिटी मेकेनिज्म (PSM) और स्टेट लेवल स्टीयरिंग कम्युनिटी (SLSC) के लिए स्वीकृति दी है।
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सीएम मोहन यादव की कैबिनेट मीटिंग
इस बैठक में सीएम मोहन यादव की कैबिनेट ने राजगढ़, सिवनी, मंदसौर, बालाघाट और सीधी जिलों के अलग-अलग सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए 10,373 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी है। इसमें से कैबिनेट ने मंदसौर जिले में सैंच्य क्षेत्र 3550.53 हेक्टेयर के ताखाजी सूक्ष्म दबाव सिंचाई प्रोजेक्ट के पुनरीक्षित स्वीकृति दी है, जिसके लिए 60 करोड़ 3 लाख रुपये खर्च हो सकते हैं। राजगढ़ में भी 4666 करोड़ 66 लाख रुपये की लागत के साथ मोहनपुरा वृहद सिंचाई प्रोजेक्ट के द्वितीय पुनरीक्षित को स्वीकृति दी है, जिसका सैंच्य क्षेत्र 1,51,495 हेक्टेयर होगा। ठीक इसी तरह सीधी, सीतापुर, रीवा, मौगंज और सिंगरौली में करोड़ों की लागत के साथ सिंचाई प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं।