क्या है मॉडल किराएदार अधिनियम? किराएदारों की बढ़ेगी टेंशन! मकान मालिकों की होगी बल्ले-बल्ले
Model Tenancy Draft Bill Madhya Pradesh: किराएदार अक्सर मकान मालिकों की प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेते हैं। ऐसे कई मामले आए दिन सामने आते हैं। मगर मध्य प्रदेश सरकार ने अब इस गौरखधंधे पर लगाम लगाने का तरीका ढूंढ निकाला है। मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही मॉडल किराएदार अधिनियम लागू करने वाली है। इस नए नियम के तहत किराएदार मकान मालिक की संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकेंगे। वहीं मॉडल किराएदार अधिनियिम में किराएदारों के अधिकार भी मौजूद रहेंगे।
नहीं लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर
खबरों की मानें तो नगरीय विकास एवं आवास विभाग मॉडल किराएदारी अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार कर रहा है। नए नियमों का यह काम लगभग पूरा होने वाला है। अभी तक किराएदारों से जुड़े मामलों में मकान मालिकों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते थे। मगर नया नियम लागू होने के बाद कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रशासनिक स्तर पर ही विवादों का निपटारा कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें- पर्दे के पीछे क्या है? रात के अंधेरे में शंभु बॉर्डर से सामने आया वीडियो, किसानों का चौंकाने वाला खुलासा
मकान मालिक नहीं कर सकेंगे मनमानी
मध्य प्रदेश मॉडल अधिनियम के तहत मकान मालिक अगर अपनी प्रॉपर्टी को किराए पर देता है, तो उसे सुरक्षा निधि यानी सिक्योरिटी फीस लेने का अधिकार रहेगा। वहीं एग्रीमेंट खत्म होने से पहले मकान मालिक को प्रॉपर्टी खाली करवाने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अपील करनी पड़ेगी। नए नियमों के तहत अगर किसी मकान मालिक और किराएदार के बीच में विवाद होता है, तो मकान मालिक के पास बिजली, पानी, पार्किंग, गैस, लिफ्ट और सीढ़ियां छीनने का अधिकार नहीं होगा।
पोर्टल पर अपलोड होगी जानकारी
नए नियम के अनुसार डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी किराया प्राधिकारी होंगे और अतिरिक्त कलेक्टर को न्यायालय के अधिकार मिलेंगे। अपील के लिए जिला जल की अध्यक्षता में रेंट ट्रिब्यूनल गठित होगा। किराएदारी व्यवस्था पूरी तरह पोर्टल से संचालित होगी। मकान मालिक जिसे भी अपनी प्रॉपर्टी किराए पर देंगे, उस किराएदार और प्रॉपर्टी का पूरा विवरण पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
अभी क्या हैं नियम?
बता दें कि वर्तमान में मध्य प्रदेश में सिर्फ शहरों के लिए किराएदारी अधिनियम 2010 लागू है। मॉडल किराएदारी अधिनियम शहरों से लेकर गांव की सभी संपत्तियों पर लागू होगा। इस अधिनियम का ड्राफ्ट पूरी तरह तैयार होने के बाद इसे जल्द ही कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- कहने के लिए तो है डिप्टी मेयर पर सब्जी बेचकर कर रही गुजारी, जानिए चिंता देवी की कहानी