मध्य प्रदेश में एक से 15 साल तक के बच्चों के लिए फ्री टीकाकरण अभियान शुरू, जानें क्या है हेल्थ स्कीम?
Madhya Pradesh Japanese Encephalitis Vaccination Campaign: मध्य प्रदेश में भाजपा की मोहन यादव सरकार राज्य की जनता की भलाई के लिए लगातार काम कर रही है। राज्य सरकार प्रदेश के लोगों के रोजगार से लेकर सेहत तक हर एक सुविधाओं का ध्यान रख रही है। प्रदेश में मंगलवार को राज्य सरकार की तरफ से जापनीज इन्सेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत प्रदेश के 4 जिलों में 1 से 15 साल के लगभग 37 लाख बच्चों को जापनीज इन्सेफेलाइटिस टीका लगाया जाएगा। जिलों के सरकारी और चुने गए प्राइवेट मेडिकल सेंटर में बच्चों को यह टीका फ्री में लगाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने की। इस दौरान उन्होंने भोपाल के डीईआईसी (DEIC) का निरीक्षण भी किया।
MP में जापनीज़ इन्सेफेलाइटिस टीकाकरण
अभियान का शुभारंभ करते हुए डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने हेल्थ सेक्टर में क्रांतिकारी काम किए गए हैं। कोरोना काल में भारत के टीकाकरण ने कीर्तिमान स्थापित किया था। यह बताता है कि राजनीतिक इच्छा शक्ति और जनता के सहयोग से कुछ भी असंभव नहीं है। भारत के कोरोना के टीकाकरण की तरह ही मध्य प्रदेश का जापनीज इन्सेफेलाइटिस टीकाकरण अभियान भी सफल होगा। हम इस घातक बीमारी से अपने बच्चों को बचाने में कामयाब होंगे। जापनीज़ इन्सेफेलाइटिस बीमारी के 80 प्रतिसत मामले 1 से 15 साल की उम्र के बच्चों में पाए गए। इसलिए प्राथमिकता के आधार पर 1 से 15 साल के बच्चों को जापनीज़ इन्सेफेलाइटिस का टिका लगाया जा रहा है।
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क्या है ये बीमारी और कैसे होती है
बता दें कि जापनीज इन्सेफेलाइटिस एक तरह की वेक्टर बोर्न डिजीज है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। गंदे और रुके हुए पानी में रहने वाले मच्छर के काटने से यह बीमारी होती है। इस बीमारी के फ्लेवी वायरस को फैलाने का काम आर्डिडाई प्रजाति के पक्षी और सुअर करते हैं। इस बीमारी का पहला मामला जापान में सामने आया था, इसलिए इस बीमारी का नाम जापानी इन्सेफेलाइटिस रखा गया है। इस बीमारी का कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं, कई मामलों में तो लक्षण के नाम पर सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न, कपकपी और तेज बुखार जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं। इसके अलावा मामला गंभीर होने पर पीड़ित व्यक्ति को झटके भी आ सकते हैं। इस बीमारी का संक्रमण काफी घातक है। इस बीमारी के गंभीर मामलों में सिरदर्द और ब्रेन टिशूज की सूजन या इन्सेफेलाइटिस की परेशानी हो सकती है। अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो पीड़ित की मौत भी हो सकती है।