मध्य प्रदेश पुलिस का अनोखा अभियान, उर्दू और फारसी के शब्दों का होगा बहिष्कार
Madhya Pradesh Police on Language: पुलिस, प्रशासन और अदालत की कार्यवाहियों में उर्दू और फारसी शब्दों का इस्तेमाल काफी आम है। FIR लिखने से लेकर चार्जशीट दर्ज करने और कोर्ट के फैसलों में अनगिनत उर्दू-फारसी के शब्द देखने को मिलते हैं। हालांकि अब मध्य प्रदेश पुलिस ने इस पर संज्ञान लेते हुए नया शब्दकोश जारी किया है।
एमपी पुलिस की नई मुहिम
मध्य प्रदेश पुलिस ने सभी कर्मचारियों और थानों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें एमपी पुलिस ने उर्दू और फारसी के शब्दों की जगह हिन्दी के शब्द लिखने की बात कही है। एमपी पुलिस ने अपने आदेश में लिखा कि वर्तमान में पुलिस विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाहियों में उर्दू, फारसी जैसे अन्य भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। शासन द्वारा अपेक्षा की गई है कि पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही में गैर हिन्दी के स्थान पर हिन्दी शब्दों का प्रचलन अधिक हो।
एमपी पुलिस का नया शब्दकोश
एडवाइजरी के साथ मध्य प्रदेश पुलिस ने नया शब्दकोश भी दिया है, जिसमें उर्दू और फारसी शब्दों के सामने हिन्दी शब्द लिखे हैं। इस लिस्ट में 65 शब्दों का हिन्दी रुपांतरण मौजूद है। पुलिस ने कत्ल की जगह हत्या, अदालत की जगह न्यायालय, फरियादी के स्थान पर आवेदक, गिरफ्तार और हिरासत की जगह अभिरक्षा जैसे बदलाव किए गए हैं।
कहां लागू होगा आदेश?
मध्य प्रदेश पुलिस का ये आदेश महज पुलिस महकमें तक सीमित रहेगा। मध्य प्रदेश पुलिस के सभी कार्यालयों में हिन्दी शब्दों का इस्तेमाल बढ़ेगा। हालांकि कोर्ट या अन्य सरकारी दफ्तरों पर ये आदेश लागू नहीं होगा। यानी पुलिस कार्यवाही के अलावा अन्य सरकारी दफ्तरों में उर्दू और फारसी के शब्दों का इस्तेमाल करने पर कोई पाबंदी नहीं है।