2 महीने तक मरीजों की सेवा करे आरोपी, नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में अनोखी शर्त पर जमानत
बीते दिनों पुणे में हुए हादसे की खबर तो सबने सुनी होगी। मामले में पहले तो 2 लोगों की जान लेने वाले नाबालिग आरोपी को इस शर्त पर जमानत दे दी गई थी कि उसे 300 शब्दों का एक निबंध लिखना होगा। हालांकि बाद में उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। अब इसी से मिलता जुलता एक मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर में सामने आया है।
जबलपुर में नाबालिग छात्रा से छेड़खानी करने के आरोपी को अनोखी शर्त पर जमानत दी गई है। हाईकोर्ट ने आरोपी के 2 महीने की टेंपरेरी जेल इस शर्त पर दी है कि उसे सप्ताह में 2 दिन (शनिवार और रविवार) को भोपाल जिला अस्पताल में मरीजों की सेवा करनी होगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि इसके लिए उसे कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
'अपराध गंभीर, लेकिन मौका मिलना चाहिए'
हाईकोर्ट ने युवक के अच्छे बैकग्राउंड और भविष्य को देखते हुए जमानत दी है और कहा है कि अगर इस दौरान इसके आचरण में सुधार देखने को मिलता है तो उसे नियमित जमानत दे दी जाएगी। उच्च न्यायालय ने माना कि छेड़छाड़ एक गंभीर अपराध है लेकिन यह भी कहा कि आरोपी युवक को गलती सुधारने का एक मौका मिलना चाहिए।
पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुई थी एफआईआर
बता दें कि भोपाल की रहने वाली एक नाबालिग ने युवक के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। भोपाल पुलिस ने 4 अप्रैल को युवक को गिरफ्तार कर लिया था। उल्लेखनीय है कि युवक की भोपाल जिला अदालत में दाखिल जमानत याचिका खारिज हो गई थी, जिसके बाद उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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