होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

'दुनिया को बेहतर बनाने की कला है इंजीनियरिंग', कार्यक्रम में बोले MP के राज्यपाल मंगुभाई पटेल

MP Governor Mangubhai Patel: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग दुनिया को बेहतर बनाने की कला है।
01:51 PM Nov 10, 2024 IST | Pooja Mishra
Advertisement

MP Governor Mangubhai Patel: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा लगातार प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से कई उचित कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा मोहन यादव सरकार द्वारा प्रदेश में हायर स्टडी को भी बढ़ाया जा रहा है। हाल ही में रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल पहुंचे। यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि इंजीनियरिंग दुनिया को बेहतर बनाने की कला है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा, हेल्थ और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में इंजीनियरों का बहुत बड़ा योगदान है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज बहुत गौरवशाली है।

Advertisement

रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने आगे कहा कि एक शिक्षा ही है जिससे इंसान समर्थ और संस्कारवान बनता है। रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने अपनी प्रतिभा, योग्यता और परिश्रम से देश का नाम ऊंचा किया है। नई पीढ़ी इन छात्रों से मार्गदर्शन और प्रेरणा लेकर सफलता के नए शिखर छुएगी। आज पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा को दिन रात बढ़ रही हैं, इसके साथ ही भारत देश तेजी से विकास कर रहा है।

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत युवा बनेंगे सशक्त, जानिए क्या है स्कीम

Advertisement

नई शिक्षा नीति की खासियत

इस दौरान आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि हमारे देश के इतिहास में विज्ञान, ज्ञान, आध्यात्म और दर्शन की परंपरा रही है। इसी परंपरा को मिलाकर नई शिक्षा नीति बनाई गई है। आज भी हमारे देश में हजारों साल पुराने स्मारक स्थापत्य और विज्ञान की सफलता की कहानी कह रहे है। भारत के एक इंजीनियर ने 13वीं शताब्दी में कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की डिजाइन बनाया था, जो दुनिया के सबसे बड़ा मंदिर है। सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा और अक्षय सॉर्स मानते है। इसीलिए हमारे देश में सूर्य की पूजा की जाती है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Madhya Pradesh
Advertisement
Advertisement