'शव के कर दो 2 टुकड़े...', पिता के अंतिम संस्कार को लेकर भाइयों के बीच छिड़ी लड़ाई
MP 2 Brothers Fight Over Father Funeral: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में विवाद का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां दो सगे भाइयों में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया, जो घंटों तक चला। दोनों भाइयों के बीच यह विवाद इतना बढ़ गया कि एक भाई इस बात पर अड़ गया कि पिता के शव के दो टुकड़े कर दिए जाएं। आखिर में इस मामले में पुलिस ने दखल दिया, जिसके बाद पिता के अंतिम संस्कार का काम पूरा हुआ।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में दो सगे भाइयों में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर घंटों तक लड़ाई चलती रही। वहीं छोटे भाई ने कहा कि पिता के शव के दो टुकड़े कर दिए जाएं। pic.twitter.com/9gV2j8mUQF
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) February 3, 2025
ऐसे शुरू हुई दोनों भाइयों में लड़ाई
ये मामला जतारा थाना के लिधौरा ताल गांव का है। लिधौरा ताल रहने वाले 85 साल के ध्यानी सिंह घोष की बीते दिन सुबह मृत्यु हो गई। उनके निधन के बाद उनके बेटे दामोदर ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी कर लीं। ध्यानी सिंह घोष की मृत्यु की खबर मिलने पर गांव के लोग और रिश्तेदार उनके अंतिम संस्कार पर पहुंचे। अभी अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी कि तभी दामोदर का भाई किशन सिंह घोष अपने बेटे और परिवार के साथ वहां पहुंच गया। किशन सिंह आते ही पिता का अंतिम संस्कार करने की जिद करने लगा। इसके जवाब में दामोदर ने उसे अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया, जिसके बाद से दोनों भाइयों के बीच पिता के अंतिम संस्कार को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है।
जिद पर अड़ दोनों भाई, शव टुकड़े तक पहुंची बात
दामोदर का कहना है कि उसके पिता उसके साथ रहते थे और उसने ही उनकी सेवा की है, लिहाजा वही पिता का अंतिम संस्कार करेगा। इसी बात को लेकर दोनों बेटों के बीच घंटों तक विवाद होता रहा, पिता के शव को भी घर के बाहर रख दिया गया। इस दौरान गांव के लोगों और रिश्तेदारों ने दोनों भाइयों को काफी समझाया, साथ ही दोनों भाई मिलकर पिता का अंतिम संस्कार करने का सुझाव भी दिया। लेकिन बड़ा भाई किशन इस बात को बिल्कुल राजी नहीं था। उसका कहना था कि पिता के शरीर के दो टुकड़े कर दिए जाएं जिससे दोनों भाई पिता का अलग-अलग संस्कार कर सकें। अंत में मामला जब हद से आगे बढ़ गया, इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अंतिम संस्कार के लिए दोनों भाइयों को राजी किया, तब जाकर विधि के अनुसार पिता का अंतिम संस्कार किया गया।