जिसे बेटा मानकर पाला, उसी ने मां को मार डाला, MP के 12वीं टॉपर के कातिल बनने की कहानी
Madhya Pradesh Crime: मध्य प्रदेश के श्योपुर में बेटे ने ही मां की जान ले ली। पुलिस ने बताया कि महिला की गुमशुदगी की सूचना मिली थी। लेकिन जांच के बाद सामने आया कि बेटे ने ही मां का मर्डर किया है। जिसके बाद सख्ती से पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। बेटे ने मां के शव को जमीन में गाड़ दिया था। आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की बहुत कोशिश की। आरोपी ने खुद ही मां के बारे में शिकायत दी थी। आरोपी पढ़ाई में होनहार रहा है, उसके 12वीं कक्षा में 94 प्रतिशत नंबर आए हैं।
पुलिस ने जब महिला की तलाश शुरू की, तो सारा भेद खुल गया। आरोपी बेटे ने 6 मई को मां का मर्डर किया। पुलिस ने आरोपी को 8 मई को अरेस्ट किया है, 9 मई को उसके घर की तलाशी ली गई है। आरोपी ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने पॉश कॉलोनी 7 में बुजुर्ग महिला की सोते समय हत्या की। इसके बाद शव को बाथरूम के भीतर दबा दिया।
मृतक महिला की पहचान ऊषा देवी के तौर पर हुई है। भुवनेंद्र पचौरी व उनकी पत्नी ऊषा देवी को औलाद नहीं थी। जिसके बाद उन्होंने अनाथ आश्रम से बच्चे को गोद लिया था। आरोपी दीपक को जब गोद लिया गया था, तब वह सिर्फ 2 साल का था।
भुवनेंद्र सिंह सरकारी नौकरी करते थे। जो 2015 में रिटायर हुए, उनकी अगले साल हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। लोगों ने बताया कि मां-बेटा पिता की मौत के बाद साथ रह रहे थे। लेकिन दोनों के बीच अनबन रहती थी। इसलिए बेटा दिल्ली चला गया था। चार दिन पहले ही वह दिल्ली से लौटा था। अपनी मां की रात के समय हत्या कर दी और शव को बाथरूम में गड्ढा खोदकर दबा दिया था। 5 मई के बाद महिला को पड़ोसियों ने नहीं देखा था।
आरोपी ने प्रॉपर्टी के लिए ली मां की जान
आरोपी ने बताया कि वह शेयर मार्केट में 16 लाख रुपये का नुकसान झेल चुका था। मकान और 30 लाख की एफडी मां के नाम पर थी। जिसे हड़पने के लिए हत्या को अंजाम दिया। हत्या के बाद बेटे ने रिश्तेदारों को सूचना दी कि मां लापता हो गई है। जिसके बाद पुलिस को रिश्तेदारों ने मामले से अवगत करवाया। लेकिन पुलिस की जांच में केस कुछ और ही निकला। एसपी अभिषेक आनंद का कहना है कि महिला की डेडबॉडी निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाई गई है।