‘झगड़े के लिए नहीं सीखते हैं लाठी चलाना, बल्कि…’, इंदौर में क्या बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत?
Mohan Bhagwat Statement In Indore : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को मध्य प्रदेश के इंदौर पहुंचे और स्वर शतकम कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया और बताया कि लाठी चलाना क्यों सीखना जरूरी है। मोहन भागवत ने यह भी कहा कि किसी भी मामले में हमारा देश पीछे रहने वाला नहीं है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया के पास जो है, वो हमारे देश के पास नहीं है, ऐसे नहीं हो सकता है। हमारा देश पीछे रहने वाला मुल्क नहीं है। हम भी ऐसा करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। विश्व के देशों की पहली पंक्ति में बैठकर हम भी बता सकते हैं कि हमारे पास क्या-क्या है?
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कार्यक्रम करते हैं, इसलिए उसका प्रदर्शन होता है : मोहन भागवत
उन्होंने आगे कहा कि एक बात और है। संघ कोई भी कार्य प्रदर्शन के लिए नहीं करता है, बल्कि जो काम करता है उसी का प्रदर्शन हो जाता है। संघ के जितने भी कार्यक्रम होते हैं और जिसका आप प्रदर्शन देखते हैं। हम शाखा में भी ये कार्यक्रम करते हैं, लेकिन वो प्रदर्शन के लिए नहीं करते हैं। कार्यक्रम करते हैं, इसलिए उसका प्रदर्शन होता है।
इंसानों के सद्गुणों में होती है वृद्धि : RSS प्रमुख
मोहन भागवत ने आगे कहा कि संघ के कार्यक्रमों से इंसान की प्रवृति, स्वभाव और संस्कार बनता है। उनके सद्गुणों में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि हम संघ में दंड सीखते हैं। लाठी चलाना प्रदर्शन या झगड़े करने के लिए नहीं सीखते हैं। अगर सीख गए और दोनों प्रसंग आए तो दोनों में काम आ जाते हैं।
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लाठी चलाने वाले व्यक्ति में आती है वीरता : भागवत
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि हमें उत्सवों में प्रदर्शन करना पड़ता है। हम झगड़ा नहीं करते हैं। अगर कोई आकर झगड़ा करने लगे तो उसका इलाज करना ही पड़ता है। लाठी चलाना इसलिए नहीं सीखते हैं। लाठी चलाना इसलिए सीखते हैं, क्योंकि लाठी चलाने वाले व्यक्तियों में वीरता आती है। वो किसी से डरता नहीं है।