'कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता जरूरी', वर्कशॉप में बोलीं विकास मंत्री निर्मला भूरिया

Child Development Minister Nirmala Bhuria: मंत्री भूरिया ने गुड फार्मिंग-गुड फूड-गुड हेल्थ सब्जेक्ट पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित किया। महिलाओं से जुड़ी समस्याओं को लेकर वर्कशॉप में कई बातें कहीं। 

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Child Development Minister Nirmala Bhuria

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Child Development Minister Nirmala Bhuria: प्रदेश की साय सरकार लगातार विकास के कार्यों में जुटी हुई है। इसी के तहत महिलाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी लगातार कर रहे हैं। इसलिए एक दिवसीय वर्कशॉप में विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने महिलाओं को एनीमिया और कुपोषण पर जागरूक करना बहुत जरूरी है। मध्यप्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण होने के साथ कृषि प्रधान राज्य है। प्रदेश में तिलहन, दलहन, फल, सब्जी, वनोपज आदि का भरपूर उत्पादन होता है। इन सबके बावजूद भी एनीमिया और कुपोषण की समास्याएं कम नहीं हुई है। कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता जरूरी है। यह बात महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने नूर उस सबा होटल में सॉलिडेरिडाड संस्था द्वारा 'गुड फार्मिंग, गुड फूड, गुड हेल्थ' विषय पर आयोजित एक दिवसीय वर्कशॉप को संबोधित कर रही थी।

मंत्री भूरिया ने कहा कि कुपोषण और एनीमिया जैसी समास्याओं से उभरने के लिए इमें एकजुट होकर कार्य करने होंगे। ग्रामीण परिवारों में पौष्टिक आहार के प्रति जागरूकता लाना, स्थानीय संसाधनों का प्रयोग कर गुणवत्ता पूर्ण पोषक आहार को बढ़ावा देना होगा। इस कार्य में सामाजिक संस्थाएं अहम भूमिका निभा सकती है। स्वास्थ्य महिला बाल विकास और पंचायत, ग्रामीण विकास विभाग इस दिशा में मिलकर काम करें, तो सफलता निश्चित मिलेगी। मंत्री भूरिया ने कहा कि वर्तमान में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फसलों में उत्पादन बढा़ने के लिए केमिकल फर्टिलाइजर/दवाईयों का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। क्वालिटी काम्प्रोमाईस हो रही है। उन्होंने कहा कि सॉलिडरीडाड संस्था सोयाबीन से बने फूड प्रोडक्ट को आहार में सम्मिलित करने और समुदाय में बैलेंस डाइट के प्रति जागरूकता लाने में सफलतापूर्वक अपना सहयोग दे रही है। मंत्री निर्मला भूरिया 'गुड फार्मिंग, गुड फूड, गुड हेल्थ' विषय पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया।

आयुक्त महिला बाल विकास सुफिया फारूकी वली ने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में हॉट कुक मील और मध्यान्ह भोजन में कैसे न्यूट्रीशन बच्चों को दे सकते हैं, स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी और प्राइमरी स्कूल के बच्चों को अगर ताजी सब्जी दे तो काफी हद तक कुपोषण की समास्या से जीत सकते हैं। अब वो दादी-नानी के समय के आहार पद्धति को फिर से अपनाना होगा।

कार्यक्रम में सीआईएई की प्रिंसिपल साईटिस्ट दीपिका अग्रहरि ने कहा कि न्यूट्रिशन और प्रोटीन का सही मात्रा में सेवन करना और उसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। इस अवसर पर सॉलिडरीडाड संस्था के महाप्रबंधक सुरेश मोटवानी ने संस्था द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी।

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