Ajit Pawar की बल्ले-बल्ले! क्या है बेनामी प्रॉपर्टी मामला? डिप्टी CM बनते ही कोर्ट ने दी क्लीन चिट
Ajit Pawar Benami Property Case: महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद भी महायुति में घमासान की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मगर इस बीच अगर किसी की किस्मत चमकी है, तो वो अजित पवार ही हैं। महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद अजित पवार को बेनामी संपत्ति मामले में भी बड़ी राहत मिली है। अजित पवार और उनके परिवार को बेनामी प्रॉपर्टी के आरोपों से छुटकारा मिल गया है।
संपत्ति से सील हटाई गई
बेनामी प्रॉपर्टी से जुड़े एक ट्रायब्युनल ने अजित पवार को क्लीन चिट दे दी है। ट्रायब्युनल के फैसले के बाद इनकम टैक्स विभाग ने शुक्रवार को अजित पवार की जब्त की गई संपत्ति को छोड़ दिया है। बता दें कि 2021 में अजित पवार का नाम बेनामी संपत्ति मामले में सामने आया था। इस मामले पर कार्रवाई करते हुए आयकर विभाग ने अजित पवार की 1,000 करोड़ की प्रॉपर्टी पर सील लगा दी थी।
क्या था पूरा मामला?
बेनामी प्रॉपर्टी मामले की शुरुआत 7 अक्टूबर 2021 को हुई थी, जब आयकर विभाग ने अजित पवार और उनके परिवार से जुड़ी कई संपत्तियों पर रेड मारी थी। इस दौरान अजित पवार समेत परिवार के कई लोगों पर बेनामी लेन-देन के आरोप लगे थे। इस दौरान आयकर विभाग ने कई संपत्तियों को सीज कर लिया था। सीज की गई प्रॉपर्टीज की लिस्ट में महाराष्ट्र की जमीन, दिल्ली का फ्लैट, सतारा स्थित शुगर फैक्ट्री और गोवा का रिजॉर्ट शामिल था।
ट्रायब्युनल ने क्या सुनाया फैसला?
बेनामी संपत्ति मामले पर सुनवाई करते हुए ट्रायब्युनल ने कहा कि सीज की गई सभी संपत्तियों के लिए जो भी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन किए गए हैं, वो सभी वैध हैं। इन प्रॉपर्टीज को खरीदने के लिए किसी भी तरह की अवैध तरीकों की मदद नहीं ली गई है।
कोर्ट ने क्या कहा?
ट्रायब्युनल ने कहा कि ऐसे कोई सबूत सामने नहीं आए हैं, जिनसे पता चले कि अजित पवार और उने परिवार ने अवैध तरीके से कोई संपत्ति हासिल की है। अजित पवार के वकील ने भी कोर्ट में कहा कि पवार और उनका परिवार किसी तरह के अवैध काम में संग्लग्न नहीं है। उनकी सारी संपत्तियां वैध तरीके से खरीदी गई हैं। उन संपत्तियों के लेन-देन से जुड़े सारे जरूर कागजात मौजूद हैं।
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा का स्पेशल सेशन शुरू, 3 दिन चलेगा और वर्क शेड्यूल भी आया सामने