एनकांउटर स्पेशलिस्ट दया नायक कौन? जिनके हाथ में सिद्दीकी हत्याकांड की जांच, 87 एनकाउंटर को दिया अंजाम
Baba Siddique Murder Case: मुंबई पुलिस में निरीक्षक दया नायक एक बार फिर चर्चा में हैं। वजह है पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या। बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है। दया नायक मुंबई क्राइम ब्रांच की अगुवाई कर रह हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक, जिन्हें सौंपी गई जांच की जिम्मेदारी।
महाराष्ट्र पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर पहचान बनाने वाले दया नायक को बचपन बेहद ही तंगहाली में बीता। वे मूलतः कर्नाटक के रहने वाले हैं। घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। ऐसे में सातवीं तक कन्नड़ स्कूल में पढ़ने के बाद 1979 में मुंबई आ गए। यहां उन्हें होटल में टेबल साफ करने का काम मिल गया। होटल के मालिक ने दया को ग्रैजुएशन तक पढ़ाया। इससे पहले उन्होंने 3000 रुपये की प्लंबर की नौकरी भी की थी।
87 से ज्यादा एनकाउंटर किए थे
दया नायक 1995 में पुलिस में भर्ती हो गए। उनकी पहली पोस्टिंग जुहू पुलिस स्टेशन में हुई थी। 31 दिसंबर की रात दया ड्यूटी पर थे। इस दौरान उन्हें छोटा राजन गैंग के दो गुर्गों की जानकारी मिली। दया जब उन्हें अरेस्ट करने पहुंचे तो उन्होंने दया पर फायरिंग कर दी। इसके बाद जवाबी फायरिंग में दया ने दोनों गैंगस्टर को मौत के घाट उतार दिया। यह दया का पहला एनकांउटर था। इसके बाद दया डर गए थे उन्हें लगा कि विभाग उन्हें बर्खास्त कर देगा। बता दें कि दया अब तक 87 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। दया ने 1999 से 2003 के बीच दाऊद के भाई छोटा राजन की गैंग का सफाया कर दिया था।
विवादों से रह चुका है नाता
इस दौरान दया का विवादों से भी गहरा नाता रहा है। 2003 में एक पत्रकार ने उन पर दाऊद गैंग से पैसे लेकर स्कूल खोलने का आरोप लगाया था। हालांकि मामले में कोर्ट के निर्देश पर उन पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में वे निर्दोष साबित हुए थे। इसके अलावा उन पर आय से अधिक संपत्ति मामलेे में भी केस दर्ज हो चुका है। हालांकि इस मामले में 2010 में हाईकोर्ट ने उनको बरी कर दिया था।
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