नखरेबाज IAS पूजा खेडकर की बढ़ीं मुश्किलें, केंद्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
IAS Pooja Khedkar Family Net Worth : महाराष्ट्र की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इस वक्त अपने विवादों को लेकर सुर्खियों में हैं। ऑडी में लाल बत्ती लगाने और वीआईपी नंबर प्लेट की डिमांड करने वाली पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर हो गया। पुणे की पुलिस गुरुवार को पूजा खेडकर के घर पहुंची और ऑडी कार की जांच की। केंद्र सरकार ने आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को जांच के लिए एक कमेठी गठित कर दी। अतिरिक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता वाली कमेटी अगले दो सप्ताह में पूजा खेडकर खिलाफ जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। नखरेबाज आईएएस की फैमिली भी धन्ना सेठ है।
पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे के शिकायती पत्र पर पूजा खेडकर के खिलाफ एक्शन हुआ। उन्हें बतौर डिप्टी कलेक्टर वाशिम जिला भेज दिया गया। उन्होंने दो दिन बाद ही वाशिम जिले में ड्यूटी ज्वाइन कर ली। अब सवाल उठता है कि पुणे में अलग दफ्तर मांगने वाली पूजा खेडकर को वाशिम जिले में स्वतंत्र कार्यालय मिलेगा या नहीं। 2021 बैच की आईएएस अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने पुणे में अपने सीनियर की केबिन पर कब्जा जमा ली थी।
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IAS की फैमिली के पास कितनी है संपत्ति?
इस साल पूजा के पिता दिलीप कोंडिबा खेडकर ने महाराष्ट्र के अहमदनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने वंचित बहुजन आघाड़ी से ताल ठोंकी थी। पूजा खेडकर के पिता ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में बताया कि उनके पास 110 एकड़ कृषि जमीन, 900 ग्राम गोल्ड, 17 लाख की सोने की घड़ी, 7 फ्लैट, 6 दुकानें और 4 गाड़ियां हैं। साथ ही दो कंपनी और एक ऑटोमोबाइल फर्म में पार्टनरशिप भी है। दिलीप खेडकर खुद पुणे में डिप्टी कलेक्टर रह चुके हैं और उनकी पत्नी अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं।
17 करोड़ की मालकिन हैं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर भी काफी अमीर हैं। उनके पास करीब 17 करोड़ की प्रॉपर्टी है। आरोप है कि अलग चेंबर और ऑडी कार में लाल बत्ती लगाने से चर्चा में आईं पूजा खेडकर ने नॉन क्रीमी ओबीसी लेयर का सर्टिफिकेट लगाकर आईएएस की नौकरी पाई। अब सवाल उठता है कि जब पूजा और उनके परिवार के पास इतनी संपत्ति है तो आईएएस अधिकारी नॉन क्रीमी ओबीसी के दायरे में कैसे आ सकती हैं।
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विकलांग कोटे का भी उठाया लाभ
आरोप है कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने विकलांग सर्टिफिकेट का भी लाभ उठाया। ऐसे में यूपीएससी की परीक्षा में नंबर कम होने के बाद उनका चयन हो गया। कई बार उन्हें मेडिकल जांच के लिए बुलाया गया, लेकिन वह हर बार टाल-मटोल करती रहीं। अंत में उन्होंने बाहरी डॉक्टरों से मेडिकल जांच कराई और अपनी रिपोर्ट सौंप दी।