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Kirti Vyas Murder: 6 साल पहले लापता हुई थी, अब तक नहीं मिली बॉडी, DNA जांच समेत इन सबूतों ने खोली सच्चाई

Kirti Vyas Murder Case: मार्च 2018 को ऑफिस जाने के लिए निकली कीर्ति को दोबारा फिर उसके घर वालों ने नहीं देखा। उसके ऑफिस में ही काम करने वाले 2 साथियों ने उसे ऑफिस ड्रॉप करने के बहाने गाड़ी में बैठाया और हत्या कर दी। अब इस मामले में अदालत ने उन दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जानिए किस तरह वारदात की सच्चाई सामने आई।
05:46 PM May 28, 2024 IST | Gaurav Pandey
Kirti Vyas
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Kirti Vyas Case : 6 साल पहले एक सलून एग्जीक्यूटिव और चार्टर्ड अकाउंटेंट कीर्ति व्यास (28) ऑफिस जाने के लिए निकली थी लेकिन बीच में ही लापता हो गई थी। कीर्ति की बॉडी का अब तक पता नहीं चल पाया है। इस मामले में एक सत्र अदालत ने मंगलवार को कीर्ति के दो पूर्व साथियों सिद्धेश तम्हंकर (42) और कविता सिधवानी (48) को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत के आदेश पर दोनों के नाम बदले गए हैं। सोमवार को सत्र न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने दोनों को हत्या, किडनैपिंग और सबूत नष्ट करने के आरोपों में दोषी ठहराया था।

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क्या हुआ था और कैसे पता चला सच?

कीर्ति अंधेरी में स्थित बीब्लंट सलून में एग्जीक्यूटिव थी। फरवरी 2018 को कीर्ति व्यास ने काम को लेकर दोनों को नोटिस थमाया था। इसके बाद 16 मार्च को दोनों ने कीर्ति को ऑफिस ड्रॉप करने की बात कहते हुए कार में बैठाया। इसके बाद उन्होंने गला घोटकर उसकी हत्या कर दी। 5 मई को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और जुलाई में इस मामले में 1000 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की गई। कीर्ति को आखिरी बार सीसीटीवी फुटेज में इन्हीं के साथ देखा गया था। कार में खून के निशान और बाल मिले थे। इनसे मिला डीएनए कीर्ति के पैरेंस्ट से मैच कर रहा था।

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खूब ढूंढा पर नहीं मिल पाई डेडबॉडी

कॉल डाटा रिकॉर्ड के अनुसार कीर्ति का फोन 16 मार्च को सुबह 9.30 बजे वर्ली में बंद हो गया था। पुलिस की जांच में पता चला था कि दोनों कीर्ति के शव को माहुल में टंप किया था। लेकिन लंबी खोजबीन के बाद भी शव नहीं मिल पाया। उल्लेखनीय है कि कीर्ति की हत्या जिस दिन हुई उसी दिन दोनों को दिए गए कारण बताओ नोटिस की अवधि खत्म हो रही थी। अभियोजन पक्ष ने अदालत में दलील दी कि इस बात की पूरी संभावना थी कि उसी दिन दोनों की नौकरी चली जाती। अपनी नौकरी बचाने के लिए दोनों ने कीर्ति की हत्या करने का कदम उठा लिया।

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