होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

23 नवंबर के बाद एकजुट होंगे शरद और अजीत पवार? सुप्रिया सुले ने दिया संकेत, भतीजे की काट बना भतीजा!

Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: बारामती की जंग में शरद पवार ने जैसे ही अजीत पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे को टिकट दिया। बारामती का चुनाव, सियासी लड़ाई से ज्यादा 'बदले' की लड़ाई में बदल गया है। इसकी शुरुआत लोकसभा चुनाव में हुई जब अजीत पवार ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनावी मैदान में उतार दिया।
02:04 PM Nov 07, 2024 IST | Nandlal Sharma
बारामती का मुकाबला भतीजा बनाम भतीजा हो गया है।
Advertisement

Sharad Pawar Vs Ajit Pawar: महाराष्ट्र की बारामती सीट पर शरद पवार और अजीत पवार के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। सीनियर पवार ने अपने बागी भतीजे को मात देने के लिए उनके ही भतीजे युगेंद्र पवार को मैदान में उतार दिया है। बारामती की लड़ाई सिर्फ एक चुनावी लड़ाई नहीं है बल्कि सुप्रिया सुले के मुताबिक ये जंग असली है। और किसी समझौते की उम्मीद नहीं है। सुप्रिया सुले ने गुरुवार को कहा कि अजीत पवार अपने मन से एनसीपी से अलग हुए थे और चुनाव बाद किसी भी तरह के समझौते का सवाल ही नहीं है।

Advertisement

शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि मराठा क्षत्रप शरद पवार राजनीति से रिटायर नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि शरद पवार के राजनीति ही खाना, पीना और सांस लेना है। ये उनके लिए टॉनिक है। उन्होंने कहा कि शरद पवार सिर्फ चुनाव नहीं लड़ेंगे। सुले ने कहा कि अजीत पवार चाहते थे कि शरद पवार रिटायर हो जाएं क्योंकि वे एक गठबंधन करना चाहते थे, और शरद पवार इसके खिलाफ थे।

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र चुनाव से पहले EC पर राहुल गांधी का बड़ा बयान, संविधान को लेकर कही बड़ी बात

शरद पवार पर जुबानी हमला

हालांकि बारामती से नामांकन करने के बाद से अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार के प्रति नरमी बरत रहे हैं। नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने स्वीकार किया था कि बारामती लोकसभा सीट पर उम्मीदवार देकर उन्होंने गलती की थी, लेकिन अजीत पवार ये भी कहा था कि अब उनके चाचा शरद पवार ने भी उनके भतीजे को मैदान में खड़ा करके गलती कर दी है।

Advertisement

इसके बाद जब सदाभाऊ खोत ने शरद पवार पर निशाना साधा तो अजीत पवार ने एक्स पर पोस्ट करके अपना विरोध जताया और कहा कि शरद पवार के खिलाफ इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणी का समर्थन नहीं करते हैं।

बारामती में पवार बनाम पवार

बारामती में पिछले 57 साल पवार परिवार का दबदबा कायम है। पहले शरद पवार और फिर अजीत पवार ने इस विधान सभा क्षेत्र में खूब काम किए हैं। इस सीट से 23 उम्मीदवार मैदान में हैं। लेकिन असली लड़ाई चाचा और भतीजे के बीच है। लोकसभा चुनाव में चाचा शरद पवार से मात खा चुके अजीत पवार भतीजे युगेंद्र पवार से मात न खा जाएं। इसके लिए उन्होंने पूरी ताकत झोंक दी है।

ये भी पढ़ेंः हेमंत सोरेन के प्रस्तावक मंडल मुर्मू कौन? जिनका गला काटने पर 50 लाख के इनाम से मचा बवाल

युगेंद्र पवार अजीत पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। अजीत पवार की मुश्किल ये है कि एक तरफ शरद पवार इमोशनल अपील कर रहे हैं और युगेंद्र भी उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं। अजीत पवार की मुश्किल ये है कि वे अपने चाचा पर सीधा हमला नहीं बोल सकते। और उन्हें जीत भी हासिल करनी होगी। यदि यहां नतीजा विपरीत रहा तो तीन दशकों से चला आ रहा अजीत पवार का विजय अभियान थम जाएगा। यह उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिहाज से रिस्की है।

बारामती में जीत हासिल करने के लिए अजीत पवार पहली बार गांव-गांव घूम रहे हैं। उन्होंने 50 गांवों का दौरा किया है और आगे भी करने वाले हैं। इतना ही नहीं अजीत पवार लोगों को बता रहे हैं कि उन्होंने बारामती के लिए क्या-क्या किया है और आगे क्या करने वाले हैं।

बारामती की सियासी लड़ाई

बारामती लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र में पवार परिवार का दबदबा हमेशा रहा है। 1962 में कांग्रेस की मालतीबाई शिरोले चुनी गईं। उसके बाद 1967 से लेकर 2019 तक इस विधानसभा क्षेत्र में पवार परिवार के अलावा कोई उम्मीदवार नहीं चुना गया। शरद पवार 1967 से 1990 तक बारामती से विधायक रहे। इसके बाद उन्होंने लोकसभा का रास्ता चुना और अपनी सीट अजीत पवार को दे दी।

हालांकि 2023 में अजीत पवार अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर महायुति में शामिल हो गए। दोनों का पहला मुकाबला लोकसभा चुनाव में हुआ, जब अजीत पवार ने सुप्रिया सुले के सामने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतार दिया। परिवार में दरार बढ़ गई और अब शरद पवार ने अजीत पवार के भतीजे को ही उनके सामने उतार दिया है। क्या अजीत पवार लोकसभा में अपनी पत्नी की हुई हार से सीख लेकर विधानसभा में वापसी कर पाएंगे? या एक बार फिर बारामती के साहब यानि शरद पवार के दांव से पटकनी खा जाएंगे।

Open in App
Advertisement
Tags :
Ajit PawarMaharashtra Assembly Elections 2024Sharad Pawar
Advertisement
Advertisement