होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

महाराष्ट्र में सबकुछ हाथ होते हुए भी आखिर विपक्ष के हाथों से कैसे फिसल गई जीत?

Maharashtra Assembly Election Result 2024: महाराष्ट्र के चुनावों में लोगों ने खुलकर भाजपा गठबंधन को वोट दिया और विपक्षी दलों को फिर से विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर दिया।
12:15 PM Nov 23, 2024 IST | Pooja Mishra
Advertisement

Maharashtra Assembly Election Result 2024: महाराष्ट्र के चुनावी इस तरह एक-तरफा होंगे ये किसी ने नहीं सोचा होगा। हालांकि, एग्जिट पोल्स और सट्टा बाजार ने भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की जीत की भविष्यवाणी कर दी थी, लेकिन माना जा रहा था कि विपक्षी दलों के महा विकास अघाड़ी (MVA) से उसे कड़ी टक्कर मिलेगी। महा विकास अघाड़ी के पास ऐसा बहुत कुछ था, जिसके बल पर सियासी हवा को अपनी तरफ मोड़ा जा सकता था। शरद पवार और उद्धव ठाकरे के पास इमोशनल कार्ड भी था। दोनों ही नेताओं का महाराष्ट्र की जनता से गहरा जुड़ाव रहा है, लिहाजा उम्मीद थी कि उनके साथ हुए 'विश्वासघात' की सजा जनता कुसुरवारों को जरूर देगी। मगर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया। लोगों ने खुलकर महायुति को वोट दिया और विपक्षी दलों को फिर से विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर दिया। अब यहां से महा विकास अघाड़ी के स्वरूप में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

Advertisement

भाजपा ने कैसे लिख दी जीत की कहानी?

सवाल यह उठता है कि आखिर भाजपा ने इतनी बड़ी जीत की कहानी कैसे लिख दी? इसके कई कारण हैं, लेकिन दो सबसे प्रमुख हैं। लाडली बहना-लाड़ला भाई जैसी योजनाएं और लोगों को यह विश्वास दिलाने में कामयाब रहना कि बंटेंगे तो कटेंगे। महाराष्ट्र की लाडली बहना योजना मध्य प्रदेश की कॉपी है। शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 1500 रुपए आर्थिक सहायता देने की योजना का ऐलान किया था। इस योजना ने पूरे चुनाव का रुख ही पलट दिया और सत्ता में वापसी की दहलीज पर पहुंच चुकी कांग्रेस को कतार में सबसे पीछे ले जाकर खड़ा कर दिया। उस समय मध्य प्रदेश के चुनावी नतीजे भी महाराष्ट्र की तरह चौंकाने वाले थे। इस एक योजना के सहारा शिवराज ने मध्य प्रदेश की महिलाओं के दिल में जगह बनाई और चुनावी शोर में 1500 को 3000 रुपए में तब्दील करने का दांव खेलकर ब्रह्मास्त्र दाग दिया। कहा जाता है कि ब्रह्मास्त्र का वार कभी खाली नहीं जाता था, ठीक वैसे ही शिवराज का यह दांव भी खाली नहीं गया।

लाडली बहना का कॉपी-पेस्ट

वही सबकुछ महाराष्ट्र के चुनाव में भी देखने को मिला। एकनाथ शिंदे ने चुनाव से पहले मध्य प्रदेश की लाडली बहना को कॉपी करके महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने वाली योजना का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि चुनावी जीत के बाद इस राशि को बढ़ाया जाएगा। भले ही कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में भी इस तरह की योजना का ऐलान किया, लेकिन तब तक एकनाथ शिंदे और महायुति महिलाओं का भावनात्मक समर्थक हासिल कर चुके थे। इसके अलावा, शिंदे ने लड़कों के लिए भी आर्थिक सहायता का ऐलान करके उनके वोट भी अपने नाम कर लिए। इस मामले में वह शिवराज सिंह को भी पीछे छोड़ गए। शिवराज से एक रैली के दौरान युवा ने पूछ लिया था कि मामा भांजों के लिए योजना कब शुरू करेंगे? लेकिन, शिवराज सिंह ने इस सवाल को गंभीरता से नहीं लिया। मगर शिंदे ने इस सवाल की गंभीरता को समझा और राज्य में लाडला भाई योजना शुरू कर दी।

लाडला भाई योजना भी कम नहीं

लाडला भाई योजना के तहत 12वीं पास करने वाले युवाओं को 6 हजार रुपए हर महीने दिए जाएंगे। जबकि डिप्लोमा करने वाले युवाओं को आठ हजार और ग्रेजुएट युवाओं को 10 हजार रुपए हर महीने राज्य सरकार देगी। युवा एक साल तक अप्रेंटिसशिप करेंगे और इस दौरान सरकार युवाओं को पैसे देगी। अप्रेंटिसशिप के अनुभव के आधार पर युवाओं को नौकरी मिलेगी। इस योजना ने बेरोज़गारी और आर्थिक तंगी जैसे विपक्षी मुद्दों की हवा निकालने का काम किया। इस योजना का आईडिया एक तरह से उद्धव ठाकरे ने खुद एकनाथ शिन्दे सरकार को दिया और अब शायद वह खुद को कोस रहे होंगे। महाराष्ट्र में चुनावी शोर शुरू होने से पहले शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने युवा बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना आपको मिल गई लेकिन आप हमारे लड़कों के बारे में भी सोचिए। राज्य में कई युवा बेरोजगार हैं, राज्य के विकास और रोजगार के लिए कोई योजना नहीं है। इसके बाद शिंदे ने लड़कों के लिए योजना का ऐलान करते हुए कहा था कि हमारी सरकार लड़का-लड़की में फर्क नहीं करती।

Advertisement

चुनाव को 360 डिग्री घुमाने का काम

इन योजनाओं ने महाराष्ट्र को चुनाव को 360 डिग्री पर घुमाने का काम किया है। वहीं, महायुति लोगों को यह विश्वास दिलाने में भी कामयाब रहा कि बंटेंगे तो काटना स्वाभावित है। चुनावी बिगुल बजने के बाद से TV, सोशल मीडिया सहित तमाम माध्यमों के सहारे ने वोटरों में यह संदेश पहुंचाया गया कि फलां समुदाय विपक्ष के समर्थन में लामबंद हो रहा है। धर्मगुरुओं की तरफ से विपक्ष के समर्थन की अपील की जा रही है। लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया गया कि जब वो खास पार्टी के लिए एकजुट हो सकते हैं, तो हम क्यों नहीं। महाराष्ट्र में विकास कोई मुद्दा ही नहीं था, राज्य बाकी कई राज्यों की तुलना में काफी आगे है। यहां सत्ता में चाहे कोई भी रहे काम होता है, कांग्रेस सरकार में भी हुआ था और भाजपा सरकार में भी हो रहा है। इसलिए यह कहना कि भाजपा को उसके विकास ने जीत दिलाई, पूरी तरह गलत होगा। यह जीत केवल फ्रीबी और कटेंगे तो बटेंगे जैसे नारों की है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Maharashtra Assembly Election 2024
Advertisement
Advertisement